भारतीय वायुसेना के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने जो भी तरीके और साधन चुने, उनका दुश्मन के ठिकानों पर ‘‘वांछित प्रभाव’’ पड़ा और उनसे ‘‘आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने’’ का उद्देश्य पूरा हुआ।

भारतीय वायुसेना के सैन्य अभियान महानिदेशक एयर मार्शल ए. के. भारती ने रविवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सात मई को नौ आतंकवादी शिविरों पर हमले के बाद भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों एवं असैन्य क्षेत्रों को निशाना बनाए जाने के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘‘त्वरित और संयमित’’ तरीके से जवाब दिया।

सैन्य अधिकारियों ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के मरकज तैयबा, बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के मरकज सुभान अल्लाह, सियालकोट में हिजबुल मुजाहिदीन की ‘महमूना जोया फैसिलिटी’ और बरनाला में मरकज अहले हदीस में लश्कर के अड्डे और मुजफ्फराबाद के शावई नाला में उसके शिविर को निशाना बनाया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने सावधानीपूर्वक लक्ष्य चुने।’’

एयर मार्शल भारती ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा भेजे गए ड्रोन और अन्य हवाई साधनों द्वारा हवाई घुसपैठ की गई लेकिन ‘‘हमारे मजबूत ए.डी. (वायु रक्षा) रुख’’ ने उन्हें बड़े पैमाने पर बीच में ही रोक दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘सात मई को हम पर यूएवी (मानवरहित यान) और छोटे ड्रोन के झुंड से हमले किए गए और ये हमले हमारे असैन्य क्षेत्रों में, हमारे सैन्य प्रतिष्ठानों पर किए गए। इन सभी को सफलतापूर्वक बीच में ही रोक दिया गया, उनमें से कुछ ही नीचे पहुंच पाए, उन्होंने काफी नुकसान पहुंचाया।’’

उन्होंने कहा कि चूंकि उन्होंने सैन्य प्रतिष्ठानों और असैन्य क्षेत्रों को निशाना बनाया था, ‘‘हमें जवाब देना पड़ा।’’

एयर मार्शल भारती ने कहा, ‘‘हमारी प्रतिक्रिया त्वरित और सुनियोजित थी, हमने लाहौर में और गुजरांवाला के निकट उनके रडार प्रतिष्ठानों पर हमला किया… हम यह संकेत देना चाहते थे कि हम तैयार हैं लेकिन हम इसे बढ़ाना नहीं चाहते, हमारी लड़ाई आतंकवादियों से है, न कि पाकिस्तानी सैन्य ढांचे से।’’

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के प्रतिशोध में पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी ढांचों को नष्ट करने के लिए सात मई की सुबह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया गया था। पाकिस्तानी हमलों के बाद की सभी जवाबी कार्रवाई इसी ‘ऑपरेशन’ के तहत की गई। 

एयर मार्शल भारती ने कहा कि पाकिस्तान ने इन कार्रवाइयों के दौरान असैन्य विमानों के संचालन की अनुमति देकर ‘‘असंवेदनशील’’ कार्य किया है। 

उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करने के लिए अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ी कि किसी भी असैन्य विमान को कोई नुकसान न पहुंचे, भले ही इसके लिए हमें कुछ सामरिक नुकसान क्यों न उठाना पड़े।’’

विदेशी मीडिया में भारतीय लड़ाकू विमानों के नुकसान की खबरों के बारे में पूछे जाने पर एयर मार्शल भारती ने कहा, ‘‘हम युद्ध की स्थिति में हैं और नुकसान होना युद्ध का हिस्सा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं बस इतना कह सकता हूं कि हमने अपने लक्ष्य हासिल कर लिए हैं और हमारे सभी पायलट घर वापस आ गए हैं।’’

‘एयर ऑपरेशंस’ के महानिदेशक ने कहा, ‘‘हमने जो भी तरीके और साधन चुने हैं, उनका दुश्मन के ठिकानों पर वांछित प्रभाव पड़ा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य लोगों को हताहत करना नहीं था, लेकिन अगर कोई हताहत हुआ है, तो उसकी गिनती करना उनका काम है। हमारा काम लक्ष्य को भेदना है, शवों की गिनती करना नहीं।’’

वायुसेना अधिकारी ने कहा कि उनकी प्रतिक्रिया केवल सैन्य प्रतिष्ठानों पर केंद्रित थी ताकि असैन्य और अन्य नुकसान से बचा जा सके।

अधिकारी ने कहा, ‘‘क्या हमने आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने के अपने उद्देश्य को पूरा कर लिया है, इसका उत्तर ‘हां’ है और इसके परिणाम पूरी दुनिया देख सकती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास इन ठिकानों और अन्य सभी स्थानों पर स्थित प्रत्येक प्रणाली को निशाना बनाने की क्षमता है। हालांकि, यह केवल हमारे विरोधी को यह समझाने के लिए नपा तुला जवाब था कि वह तनाव और बढ़ाने से बचे।’’

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