पौराणिक फिल्म ‘आदिपुरुष’ पर किरकिरी के बाद सेंसर बोर्ड ने आतंकवाद पर बनी ‘72 हूरें’ के ट्रेलर को सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया है। ट्रेलर बुधवार से सिनेमाघरों और टीवी चैनल्स पर दिखाया जाने वाला था। सेंसर बोर्ड के फैसले के बाद निर्माताओं ने इसे डिजिटली रिलीज कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि ‘72 हूरें’ फिल्म को सेंसर बोर्ड काफी पहले सिनेमाघरों में रिलीज करने के लिए सर्टिफिकेट जारी कर चुका है।
सूत्रों के मुताबिक सेंसर बोर्ड ने कुछ विशेष दृश्यों, कुरान के संदर्भों और पशु कल्याण का हवाला देकर ‘72 हूरें’ के ट्रेलर को सर्टिफिकेट देने से इनकार किया, जबकि ट्रेलर फिल्म की सामग्री के आधार पर ही तैयार किया गया है। निर्माताओं का तर्क है कि चूंकि फिल्म को पहले ही सेंसर सर्टिफिकेट मिल चुका है, इसलिए इसे ट्रेलर पर भी लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे मामले को सूचना-प्रसारण मंत्रालय ले जाएंगे और सेंसर बोर्ड के उच्च अधिकारियों से पूछताछ करने का अनुरोध करेंगे।
‘72 हूरें’ सात जुलाई को सिनेमाघरों में पहुंचने वाली है। सेंसर बोर्ड के फैसले से नाराज फिल्म के सह-निर्माता अशोक पंडित ने कहा, ‘वहां बैठे ये कौन लोग हैं? यह बहुत गंभीर मामला है। जिस फिल्म ने भारत के अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में अवॉर्ड जीता हो, उसके ट्रेलर को सर्टिफिकेट देने से कैसे इनकार किया जा सकता है? सेंसर बोर्ड में कुछ गड़बड़ है। वहां कुछ ब्लैक शीप्स हैं।’
‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘द केरल स्टोरी’ की तर्ज पर ‘72 हूरें’ भी धर्म के नाम पर फैलाए जा रहे आतंकवाद के बारे में है। इसको लेकर शुरुआत से विवाद चल रहा है। कुछ मुस्लिम धार्मिक नेताओं और राजनीतिक हस्तियों का आरोप है कि यह फिल्म इस्लामी समुदाय की भावनाओं को आहत करती है।