सूडानी सेना ने शुक्रवार को खार्तूम के डाउनटाउन में राष्ट्रपति भवन पर पूर्ण नियंत्रण कर लिया। हाल के हफ्तों में सेना ने शहर में प्रतिद्वंद्वी रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के खिलाफ अपना अभियान तेज कर दिया है।

खार्तूम पर फिर से कब्जा करना सेना के लिए एक बड़ी प्रतीकात्मक जीत है और संघर्ष में एक निर्णायक मोड़। राष्ट्रपति महल का ऐतिहासिक और राजनीतिक महत्व बहुत अधिक है।

राष्ट्रपति का महल खार्तूम के मध्य में है। यह वह क्षेत्र है जिसमें अधिकांश सरकारी मंत्रालय और वित्तीय संस्थान शामिल हैं। सेना हाल के दिनों में भीषण लड़ाई के बीच लगातार आगे बढ़ रही है। वहीं आरएसएफ शहर के कुछ हिस्सों में लड़ाई जारी रखे हुए है।

राष्ट्रपति भवन पर कब्जा करना सेना के लिए बेशक एक बड़ी कामयाबी है लेकिन यह दो साल के संघर्ष का अंत नहीं है। आरएसएफ अर्धसैनिक बल अभी भी देश के बड़े हिस्से को नियंत्रित करता है, जिसमें पश्चिमी दारफूर क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा शामिल है, जिसने पिछले दो वर्षों में सबसे घातक हिंसा देखी है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सोशल मीडिया पर कई पोस्ट में सैनिकों को हवा में अपनी बंदूकें लहराते, नारे लगाते और राष्ट्रपति भवन के प्रवेश द्वार पर घुटने टेककर प्रार्थना करते हुए दिखाया गया।

सूडान की सेना ने कहा कि उसने महल के अलावा, खार्तूम के मध्य में मंत्रालयों और अन्य प्रमुख इमारतों पर भी नियंत्रण कर लिया है।

सेना के प्रवक्ता नबील अब्दुल्ला ने राज्य टेलीविजन पर प्रसारित एक कार्यक्रम में कहा, “हमारे बलों ने दुश्मन के लड़ाकू विमानों और उपकरणों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। बड़ी मात्रा में उपकरण और हथियार जब्त कर लिए।”

सूडान में अप्रैल 2023 से सूडानी आर्म्ड फोर्सेज (एसएएफ) और आरएसएफ के बीच संघर्ष जारी है, जिसकी वजह से हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक इस संघर्ष के कारण दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय संकट पैदा हुआ है। कई स्थानों पर अकाल और 50 मिलियन लोगों वाले देश में बीमारियां फैल गई है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights