उत्तराखंड में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों में शामिल बिहार निवासी एक श्रमिक ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शिकायत की है।

बिहार निवासी एक श्रमिक ने बुधवार को शिकायत की कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के श्रमिकों के बारे में जानकारी लेने के लिए अपने अधिकारियों को मौके पर नहीं भेजा और न ही राज्य में उनके रिश्तेदारों से संपर्क ही किया।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जब चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में श्रमिकों से मिलने पहुंचे तब श्रमिक ने यह शिकायत की।

श्रमिक ने धामी से कहा, ‘‘सभी राज्य सरकारों ने अपने-अपने राज्यों के फंसे श्रमिकों की कुशलता जानने के लिए अधिकारियों को घटनास्थल पर भेजा था, लेकिन हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने न तो किसी को भेजा और न ही हमारे घर पर हमारे परिजनों से सहानुभूति जताने के लिए संपर्क ही किया। मुझे नहीं पता कि हमने क्या गलती की थी।’’

दरअसल 12 नवंबर की सुबह 5: 30 बजे सिलक्यारा टनल में एक बड़ा हादसा हो गया था, जिसमें 41 मजदूर टनल के अंदर फंस गए थे। उन्हें निकालने के लिए 200 कर्मचारियों के साथ केंद्रीय और राज्य की तमाम एजेंसियां, नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, बीआरओ और नेशनल हाईवे की टीम 24 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी रही।

आखिरकार मंगलवार यानि 28 नवंबर की रात को टनल हादसे में फंसे 41 मजदूरों ने 17 दिनों के इंतजार के बाद बाहर निकालने में सफलता हाथ लगी थी। सभी 41 मजदूरों को 17 दिनों के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया।

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