आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के निलंबन पर आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। राघव चड्ढा का जल्द ही राज्यसभा निष्कासन रद्द होगा। सुप्रीम कोर्ट ने राघव चड्ढा की निलंबन मुद्दे में आगे की दिशा सुझाई है। कोर्ट ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और राघव चड्ढा की मुलाकात के बाद निलंबन को निरस्त करने के लिए कहा है।सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीद जताई कि सभापति इस मामले पर ‘‘सहानुभूतिपूर्ण” रुख अपनाएंगे।
राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दलील है कि उनका (राघव चड्ढा) कोई उद्देश्य नहीं था कि वह सदन की गरिमा प्रभावित करे, जिसके वह एक सदस्य हैं। वे राज्यसभा के सभापति से मुलाकात करके माफी की पेशकश करेंगे। इस पर SC ने कहा कि राज्यसभा के सभापति को सदन के तथ्य और परिस्थितियों की पृष्ठभूमि में सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए और मुद्दे को हल करना चाहिए।
राघव चड्ढा के निलंबन मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई की है। इस दौरान SC ने वकील के बयान को दर्ज किया है कि निलंबित आम आदमी पार्टी के सांसद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से यह बताने के लिए मिलने का समय मांगेंगे कि उनका संसद के उच्च सदन की गरिमा को प्रभावित करने का कोई इरादा नहीं था।
राघव चड्ढा 11 अगस्त से उस समय से निलंबित हैं जब कुछ सांसदों ने आरोप लगाया था कि ‘आप’ नेता ने उनकी सहमति के बिना एक प्रस्ताव में उनका नाम जोड़ा। आरोप लगाने वाले अधिकतर सांसद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता हैं। प्रस्ताव में विवादास्पद दिल्ली सेवा विधेयक की पड़ताल के लिए एक प्रवर समिति के गठन की मांग की गई थी।