सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद के लड़ाकों और सेना के जवानों के बीच हुई भीषण लड़ाई में गुरुवार को 48 लोगों की मौत हो गई। बशर अल असद के वफादार लड़ाकों ने सबसे पहले तटीय प्रांत लताकिया में 16 सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी। वहीं सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए असद के वफादार 28 लड़ाकों को मार गिराया।

लताकिया में पूर्व राष्ट्रपति को जबरदस्त समर्थन

बता दें कि लताकिया में अलावी अल्पसंख्यक बड़ी संख्या में रहते हैंए जिन्होंने बशर अल असद का जबरदस्त समर्थन किया था। 8 दिसंबर को हयात तहरीर अल शाम के नेतृत्व में विद्रोहियों द्वारा असद को सत्ता से हटाने के बाद सीरिया के सुरक्षा बलों ने पूर्व राष्ट्रपति के वफादार लड़ाकों को गढ़ों से हटाने के लिए अभियान शुरू कर दिया।

लताकिया के सुरक्षा निदेशक ले लेफ्टिनेंट कर्नल मुस्तफा कुनैफती ने पहले कहा था कि असद काल के कमांडर के वफादार बंदूकधारियों की सुरक्षा बलों से झड़प के बाद सरकारी अधिकारियों ने एक गांव में हेलीकाॅप्टर से हमले किए थे। बंदूकधारियों ने जबलेह क्षेत्र और आसपास के ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा गश्ती और चौकियों को निशाना बनाया।

वहीं इस मामले में सुरक्षा निदेशक ने एक समाचार एजेंसी को बताया कि लताकिया के ग्रामीण क्षेत्रों में जिन लड़ाकों से भीषण संघर्ष हुआ है वे युद्ध अपराधी सुहैल अल हसन से संबद्ध थे। जिसने सीरियाई लोगों पर सबसे ज्यादा जघन्य नरसंहार किए थे। असद के प्रति वफादार रहे मिलिशिया जबलेह के तटीय क्षेत्र में फिर से संगठित होने में कामयाब हो गए हैं।

सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॅार ह्यूमन राइट्स ने कहा कि मृतकों में से अधिकांश लोग पूर्व विद्रोही कब्जे वाले इदबिल प्रांत के थे। जबलेह शहर और उसके आसपास के इलाकों में असद के वफादार लड़ाकों के हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो क्षेत्र में स्थिरता के लिए और अधिक जवानों को तैनात किया गया है।

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