केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस हफ्ते इंडस्ट्री और किसानों के निकायों और राज्यों के वित्त मंत्रियों से प्री-बजट चर्चा करेंगी।
बता दें, नई सरकार बनने के बाद वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट जुलाई के आखिर में पेश किया जाना है।
जानकारी के मुताबिक, वित्त मंत्री भारतीय कंपनियों के साथ गुरुवार को बैठक कर सकती हैं। इसके अलावा किसान एसोसिएशन और अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक शुक्रवार को हो सकती है।
इसके अलावा सीतारमण की ओर से बजट पर राज्यों के लिए वित्त मंत्रियों के साथ बैठक शनिवार को नई दिल्ली में हो सकती है।
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों की मदद से केंद्र सरकार 108 केंद्रीय वित्तपोषित योजनाएं चला रही है। इनका अनुमानित बजट वित्त वर्ष 2024-25 में 5.01 लाख करोड़ रुपये है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 में 4.76 लाख करोड़ रुपये था।
वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से कहा गया कि सरकार के 100 दिन के एजेंडे के तहत बजट से जुड़ा काफी सारा कार्य पूर्ण हो चुका है।
इंडस्ट्री और किसानों के निकायों के बातचीत के बाद सरकार को समस्याओं की अधिक जानकारी मिलेगी और इनका आसानी से समाधान निकाला जा सकेगा।
आने वाले बजट से उम्मीद की जा रही है कि इसमें कृषि और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही लखपति दीदी जैसी योजनाओं से स्वयं सहायता समूहों को और सशक्त बनाया जाएगा।
नई सरकार में निर्मला सीतारमण को दोबारा वित्त मंत्री का कार्यभार सौंपा गया है, जो दिखाता है कि सरकार की नीतियों में निरंतरता जारी रहेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 के बीच जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत है, जो कि दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। इसके अलावा महंगाई पर नियंत्रण पाने में सफलता मिली है और मई 2024 में महंगाई दर 4.75 प्रतिशत रही है।
वित्त मंत्री के नेतृत्व में राजकोषीय घाटा जो कि 2020-21 में जीडीपी का 9 प्रतिशत था, जो अब कम होकर वित्त वर्ष 2024-25 में 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह दिखाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग की ओर से भारत की सॉवेरन रेटिंग को स्टेबल से बढ़ाकर पॉजिटिव कर दिया गया है।