उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार के पास जरूरतमंद का इलाज कराने के लिए धन की कोई कमी नहीं है। मेदांता अस्पताल में कैंसर यूनिट के उद्धाटन के मौके पर उन्होने कहा कि डबल इंजन की सरकार कैंसर पीड़ित हो या कोई अन्य जरूरतमंद के इलाज के लिए विभिन्न स्कीम चला रही है। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत या फिर मुख्यमंत्री रिलीफ फंड से इलाज के लिए पैसे दिये जा रहे हैं। डबल इंजन की सरकार बिना भेदभाव के जरूरतमंद को इलाज के लिए धनराशि उपलब्ध करा रही है ताकि उपचार के अभाव में किसी की मौत न हो। वहीं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत हर वर्ष 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा का कवर दिया जा रहा है।

योगी ने कहा कि लखनऊ में उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि आसपास के देशों और अन्य राज्यों से मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं। ऐसे में उन्हे अच्छे इलाज की सुविधा प्राप्त हो सके। इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए मेदांता हॉस्पिटल ने अपने स्थापना काल से ही इलाज के आठ स्टैंडडर् बनाए, जिसे लेकर वह निरंतर आगे बढ़ रहा है। मेदांता लेटेस्ट टेक्नोलॉजी को अपनाते हुए अब उन कैंसर पेशेंट का इलाज करेगा जो लंबे समय से इसकी डिमांड कर रहे थे। इसमें खासतौर पर वेरियन एज रेडियोथेरेपी मशीन है, जो रेडिएशन के साइड इफेक्ट को कम करने में मदद करती है। इसकी स्थापना से कैंसर के पेशेंट को मुंबई या दिल्ली जाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा।

कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने प्रधानमंत्री मोदी का वाराणसी में टाटा कैंसर इंस्टिट्यूट की यूनिट स्थापित करने पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में इस यूनिट का 21000 से अधिक पेशेंट लाभ उठा चुके हैं। प्रदेश सरकार ने अपने स्तर पर लखनऊ में कैंसर इंस्टिट्यूट की स्थापना की है, लेकिन कॉरपोरेट क्षेत्र में भी इस प्रकार की सुविधा उपलब्ध हो, इसके लिए उन्हे आगे आना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे जनप्रतिनिधि और विधायक भी अपनी निधि से पेशेंट के इलाज के लिए 20 से 25 लाख रुपए सालाना सहायता दे सकते हैं। आज इलाज के लिए पैसे की कमी नहीं है, लेकिन क्वालिटी हेल्थ सर्विसेज जरूरी है।

 

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