मणिपुर में करीब दो महीने से चल रही हिंसा पर नियंत्रण पाने के लिए शनिवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए।
अधिकतर दलों ने प्रधानमंत्री के साथ सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की।
तृणमूल कांग्रेस ने सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल भेजने की मांग की, वहीं समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। गृहमंत्री ने आासन दिया कि सभी के सहयोग ने राज्य में शांति बहाली की जाएगी।
गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में लगभग सभी राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया।
बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, भाजपा के मणिपुर प्रभारी डा. संबित पात्रा, मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह (Okram Ibobi Singh), टीएमसी से डेरेक ओ ब्रायन (Derek O’Brien), मेघालय के सीएम व एनपीपी नेता कोनराड संगमा (Konrad Sangma), शिवसेना (उद्धव गुट) से प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi), अन्नाद्रमुक नेता एम. थंबी दुरई (M. Thambi Durai), द्रमुके नेता तिरुचि शिवा (Tiruchi Shiva), बीजद से पिनाकी मिश्रा (Pinaki Mishra), आप नेता संजय सिंह (Sanjay Singh), सपा से रामगोपाल यादव (Ramgopal Yadav) व राजद नेता मनोज झा (Manoj Jha) शामिल हुए। बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी (Prahalad Joshi), नित्यानंद राय (Nityanand Rai), अजय कुमार मिश्रा (Ajay Kumar Mishra), केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला (Ajay Bhalla) और खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका (Tapan Deka) भी शामिल हुए।
गृह मंत्रालय द्वारा दिए गए प्रजेंटेशन में मणिपुर की वर्तमान स्थिति बताई गई। गृहमंत्री ने आश्वासन दिया कि नेताओं के सुझावों को ध्यान में रखकर राज्य में शांति बहाली के प्रयास किए जाएंगे।
मणिपुर में भीड़ ने राज्य सरकार में मंत्री एल सुसींद्रो के इंफाल पूर्वी जिले के चिनगारेल स्थित निजी गोदाम में आग लगा दी। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। भीड़ ने उपभोक्ता एवं खाद्य मामलों के मंत्री सुसींद्रो के इसी जिले के खुरई इलाके में स्थित आवास और अन्य संपत्तियों को भी शुक्रवार रात आग के हवाले करने की कोशिश की।