कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद विदेश जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों पर उनकी पार्टी समेत कुछ विपक्षी दलों द्वारा आपत्ति जताए जाने को लेकर सोमवार को कहा कि वह इस मुद्दे में नहीं पड़ेंगे।

संसद की विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष ने इसकी बैठक से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं इस विषय में बिल्कुल नहीं पड़ रहा हूं।’’

उनसे प्रतिनिधिमंडलों में शामिल नामों को लेकर कांग्रेस की आपत्तियों के बारे में सवाल किया गया था।

स्थायी समिति की बैठक में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस बैठक में 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुए भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के बारे में जानकारी दी।

थरूर को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व करने के लिए चुना है। उनका समूह अमेरिका और चार अन्य देशों का दौरा करेगा। 

कांग्रेस ने प्रतिनिधिमंडलों के लिए अपनी ओर से जिन चार नेताओं के नाम सरकार को भेजे थे, उनमें थरूर का नाम शामिल नहीं था।

तृणमूल कांग्रेस ने विदेश जाने के लिए चुने गए नेताओं में शामिल अपने एकमात्र प्रतिनिधि यूसुफ पठान को प्रतिनिधिमंडल से बाहर रहने के लिए कहा है।

कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि प्रतिनिधिमंडलों के लिए उनके नेताओं के चयन को लेकर उनके नेतृत्व की सहमति नहीं ली गई।

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