तमिलनाडु के सेलम जिले के येरकौड स्थित एक सरकारी स्कूल में विज्ञान शिक्षक पर 10 छात्राओं के यौन शोषण का आरोप लगा है। स्कूल के टॉयलेट में तीन शिक्षकों ने मिलकर छात्रा का यौन उत्पीड़न किया।  शिक्षक इलयकन्नू (37) को शुक्रवार रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO) के तहत मामला दर्ज किया गया। यह मामला तब सामने आया जब एक छात्रा ने हिम्मत जुटाकर स्कूल की प्रधानाध्यापिका को इसकी जानकारी दी और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। स्कूल प्रशासन ने तुरंत शिक्षा विभाग और जिला बाल संरक्षण इकाई (DCPU) को सूचित किया, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और आरोपी को हिरासत में ले लिया।

तमिलनाडु के स्कूल शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा कि अब सिर्फ कानूनी कार्रवाई ही नहीं, बल्कि यौन शोषण में शामिल शिक्षकों की डिग्री भी रद्द की जाएगी। मंत्री ने यह बयान कृष्णगिरि जिले के एक अन्य सरकारी स्कूल में तीन शिक्षकों पर लगे यौन शोषण के आरोपों के संदर्भ में दिया। सरकार अब इस तरह के मामलों में और कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है, ताकि स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

यह घटना तब प्रकाश में आई जब एक पीड़िता ने प्रधानाध्यापिका को शिक्षक की हरकतों के बारे में बताया। इसके बाद स्कूल प्रशासन ने तुरंत शिक्षा विभाग और जिला बाल संरक्षण इकाई को मामले की जानकारी दी। एक विशेष टीम ने स्कूल का दौरा कर छात्राओं से पूछताछ की, जिसके बाद खुलासा हुआ कि आरोपी शिक्षक ने 10 छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार किया था। जांच के बाद कोंडलमपट्टी ऑल विमेन पुलिस स्टेशन में POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी इलयकन्नू को गिरफ्तार कर लिया गया।

छात्रा के माता-पिता ने शिक्षकों को बताया कि तीन शिक्षकों ने स्कूल परिसर में उनकी बेटी का यौन उत्पीड़न किया। इसके बाद शिक्षकों ने माता-पिता से पुलिस में शिकायत दर्ज कराने को कहा। पुलिस ने बताया कि आरोपी शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। उसने बताया कि पांच फरवरी को तीनों शिक्षकों को गिरफ्तार कर रिमांड पर ले लिया गया।

सरकार ने इस मामले के बाद सभी स्कूलों में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। तमिलनाडु में हाल ही में स्कूलों में शिक्षकों द्वारा यौन उत्पीड़न के मामलों में वृद्धि देखी गई है, जिससे अभिभावकों और प्रशासन में चिंता बढ़ गई है। सरकार अब कड़े नियम और सुरक्षा उपाय लागू करने पर विचार कर रही है।

 

 

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