रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत सरकार ने वाणिज्यिक पोत ‘एमवी केम प्लूटो’ और ‘एमवी साईबाबा’ पर हाल में हुए हमलों का गंभीरता से संज्ञान लिया है और वह इन हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को समुद्र की गहराई से भी ढूंढकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
स्वदेशी युद्धक जहाज आईएनएस इंफाल को नौसेना में शामिल किए जाने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि हाल ही में वाणिज्यिक पोतों पर हुए हमलों के बाद भारत ने समुद्र में गश्त बढ़ा दी है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार ने ‘एमवी केम प्लूटो’ पर ड्रोन हमले और लाल सागर में ‘एमवी साईबाबा’ पर हमले की घटना को गंभीरता से लिया है। हाल ही में वाणिज्यिक पोतों पर हुए हमलों को अंजाम देने वालों को हम समुद्र की गहराइयों से भी ढूंढकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। ’’
शनिवार को पोरबंदर से लगभग 217 समुद्री मील की दूरी पर 21 भारतीय चालक दल के सदस्यों वाले वाणिज्यिक जहाज ‘एमवी केम प्लूटो’ पर एक ड्रोन हमला किया गया था, जिसके बाद भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल ने जहाज को सहायता प्रदान करने के लिए कई पोत तैनात किये।
जहाज अपराह्न साढे तीन बजे मुंबई तट पर पहुंचा। मुंबई के रास्ते में भारतीय तटरक्षक जहाज आईसीजीएस विक्रम ने उसे सुरक्षा प्रदान की।
भारतीय चालक दल के 25 सदस्यों के साथ गैबॉन के ध्वज वाले वाणिज्यिक कच्चे तेल के टैंकर पर कथित तौर पर दक्षिणी लाल सागर में ड्रोन हमला हुआ था। भारतीय अधिकारियों ने बाद में स्पष्ट किया कि वाणिज्यिक तेल टैंकर भारतीय ध्वज वाला जहाज नहीं था।
इस बीच, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि वाणिज्यिक जहाजों पर समुद्री डकैती और ड्रोन हमलों से निपटने के लिए चार विध्वंसक तैनात किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि पी-8आई विमान, डोर्नियर्स, सी गार्डियन, हेलीकॉप्टर और तटरक्षक जहाज – सभी को समुद्री डकैती और ड्रोन हमलों के खतरों का मुकाबला करने के लिए संयुक्त रूप से तैनात किया गया है।