बरसात शुरू होने से पहले ही राजधानी में सब्जी की कीमतों में डेढ़ से दो गुने तक की बढ़ोतरी हो गई है। महंगाई का आलम यह है कि खुदरा बाजार में परवल 120 रुपए किलो तक बिक रहा है, जबकि बैगन 80 रुपए किलो।

पिछले दो वर्षो से लहसुन की कीमतें आसमान पर हैं। इस बार खुदरा बाजार में लहसुन 300 रुपए किलो बिक रहा है, जबकि थोक मंडी में यह 150 से 200 रुपए किलो बिक रहा है। यही हाल नींबू का भी है। अदरख भी दो सौ रुपए किलो बिक रहा है। घीया 60 से 70 रुपए किलो बिक रहा है।

हरी सब्जियों के साथ-साथ आलू प्याज ने भी रंग दिखाना शुरू कर दिया है। खुदरा बाजार में प्याज दस दिनों में ही दो गुने तक महंगी हो गई है। इस समय खुदरा बाजार में प्याज 50 से 60 रुपए किलो बिक रहा है, जबकि थोक बाजार  में 20 से 36 रुपए किलो के बीच बिक रहा है।

आलू खुदरा में 35 से 40 रुपए तो थोक में 17 से 20 रुपए किलो बिक रहा है। राहत की बात यह है कि अभी तक टमाटर की कीमतें खुदरा बाजार में 50 रुपए से नीचे है। कीमतों में बढ़ोतरी का कारण लू की वजह से सब्जी की फसलों का झुलस जाना है।

आजादपुर थोक मंडी के आलू-प्याज के थोक कारोबारी संदीप खंडेलवाल ने बताया कि पिछले दस दिनों में मार्केट में आलू प्याज की आवक में कमी आई है, जबकि डिमांड बढ़ी है। इसलिए कीमतें बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि छह साल बाद किसानों को आलू की कीमत ठीक मिल रही है, नहीं तो लागत से भी कम कीमत में बेचना  पड़ रहा था।

उन्होंने बताया कि बुधवार को थोक मंडी में आलू 24-20 रुपए किलो के बीच बिका। एक अन्य थोक कारोबारी श्रीकांत ने बताया कि प्याज की फसल इस बार 20 फीसद कम हुई है, इसलिए कीमतें बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि लहसुन और अदरख की पैदावर पिछले दो वर्षों से कम हो रही है, इसलिए भाव आसमान पर हैं।

आजादपुर थोक मंडी में बुधवार को प्याज के 63 ट्रक आए तो आलू के 74 ट्रक आए। इसके अलावा  उमस वाली गर्मी पड़ रही है जिसके चलते तमाम हरी सब्जियां जल्दी खराब हो रही हैं। इसमें परवल, भिंडी, घीया, तरोई, बैगन आदि सब्जियां शामिल हैं।

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