अपने बयानों को लेकर हमेशा से सुर्खियों में रहने वाले सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने एक और विवादास्पद बयान दिया है। लोकसभा चुनाव के दौरान अतीक,अशरफ, शहाबुद्दीन और आजम खान के नाम पर वोट मांगने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने विवादित बयान दे डाला। उन्होंने कहा अब अदालतों को बंद करने का वक्त आ गया है।
मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि जब सरकारें ही फैसला करने लगें तो फिर आदालतों की जरूरत क्या है? उन्होंने कहा चाहें अतीक हो,चाहें वो मुख्तार हो या कोई और हो। अदालतें फैसला करें। उनका जुर्म साबित हो तो उनको फांसी लगा दें। लेकिन उल्टे तरीके से किसी को जहर दे देना। या किसी को पुलिस कस्टडी में गोलियों से सरेआम मरवा देना। क्या, ये लोकतंत्र ने अंदर जायज है। उन्होंने कहा की हम ये नहीं कहते, अतीक या और कोई दूध के धुले हुए थे। लेकिन, हम ये कहते हैं कि अदालतों से इंसाफ होने चाहिए था। न की सरकारी तंत्र से इंसाफ हो। सपा सांसद ने कहा लोकतंत्र को बचाने के लिए बीजेपी को हटा दिया जाए। लोकतंत्र मजबूत होगा तो अदालतें भी मजबूत होंगी और अपने फैसले सुनाएंगी हर क्रिमिनल को, और अगर कोई बेकसूर है तो उसे छोड़ेंगी भी।
गौरतलब है कि प्रयागराज पेशी पर गए अतीक अहमद और अशरफ अली को पुलिस कस्टगी के दौरान गोलियों से भून दिया गया। हत्यारोपियों ने बिना खौफ पुलिस की मौजूदगी में दोनों भाईयों की हत्या कर दी। पुलिस कस्टडी में हुई इस हत्या से देशभर में सनसनी फैल गई। विपक्षी पार्टियों ने सवाल उठाया कि पुलिस कस्टडी में किसी की हत्या कैसे हो सकती है। इस हत्याकांड को साजिश बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से मामले की जांच कराने की बात कही। वहीं बीते दिनों बाहुबली मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। इससे पहले उन्होंने जहर देने का आरोप लगाया था। मुख्तार अंसारी के परिजनों ने भी इस सामान्य मौत होने से इनकार कर दिया और मामले की जांच की मांग की है। फिलहाल अभी तक दोनों प्रकरणों में कोई फैसला नहीं आया है।