लखनऊ में मंगलवार को आयोजित सपा की समीक्षा बैठक में मेरठ लोकसभा चुनाव को लेकर काफी हंगामा हुआ। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पार्टी के नेता एक-दूसरे पर चुनाव हरवाने का आरोप लगाते नजर आए। बैठक में बूथ स्तर तक की समीक्षा की गई, लेकिन इसमें आरोप-प्रत्यारोपों का दौर चल पड़ा।
सपा नेता योगेश वर्मा ने पार्टी के अन्य नेताओं पर चुनाव हरवाने का आरोप लगाया, जिसके बाद जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी समेत अन्य नेताओं ने भी वर्मा पर ही हार का ठीकरा फोड़ दिया। इस नोकझोंक के बीच कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव से पार्टी में मौजूद “आस्तीन के सांपों” को पहचानने और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कुछ लोगों ने जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी को हटाने और नए जिलाध्यक्ष की नियुक्ति की भी मांग की।
अखिलेश यादव ने बैठक में नेताओं की क्लास लेते हुए कहा कि अगर पार्टी के सभी नेता एकजुट होते तो चुनाव जीता जा सकता था। उन्होंने सुनीता वर्मा को मिले वोटों की सराहना की और कहा कि वे उन्हें सांसद मानते हैं, बावजूद इसके कि वे चुनाव हार गईं। अखिलेश ने सभी नेताओं को नसीहत दी कि वे पुरानी बातों को भूलकर आगामी चुनाव की तैयारी में जुट जाएं और एकजुट होकर काम करें।