समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव लड़ने वाले उत्तर प्रदेश के सोलह प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। सपा ने एक बार फिर पूर्व मंत्री राम प्रसाद चौधरी पर भरोसा जताया है।

राम प्रसाद चौधरी काफी कद्दावर नेता माने जाते हैं। जनता में इनकी अच्छी पकड़ और लोकप्रियता है। यह पांच बार विधायक रह चुके हैं और बसपा सरकार में मंत्री भी थे। पिछली लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा गठबंधन में उन्हें प्रत्याशी के तौर पर पार्टी ने मैदान में उतारा था। इन्होंने बीजेपी उम्मीदवार को कड़ी टक्कर दी थी। बहुत कम मार्जिन से इन्हे हार का सामना करना पड़ा था।

साल 2019 के चुनाव में भी जब बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच अलायंस का एलान हुआ तब बस्ती सीट बसपा के खाते में गई थी। इसके बाद यहां से राम प्रसाद चौधरी ही उम्मीदवार थे। साल 2019 के चुनाव में बसपा के राम प्रसाद ने बीजेपी के हरीश द्विवेदी को कड़ी टक्कर दी थी और 4 लाख 40 हजार 808 वोट हासिल किए थे। वहीं हरीश द्विवेदी को 4 लाख 71 हजार 163 वोट मिले थे। इसी वजह से सपा सुप्रीमो अखिलेश ने एक बार फिर इन पर भरोसा जताया है।

रामप्रसाद चौधरी कप्तानगंज विधानसभा से 1993 से लेकर 2012 तक लगातार पांच बार विधायक रह चुके हैं और यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं। इनका जन्म 15 नवंबर 1954 को उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के जिगना गांव में माणिक राम चौधरी के घर हुआ था।

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