सपा प्रतिनिधिमंडल के संभल जाने से पहले बड़ा एक्शन लिया गया है। शनिवार की सुबह उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव के घरों के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई। इसके अलावा, समाजवादी पार्टी (सपा) के एक और नेता श्यामलाल पाल के घर के बाहर भी पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। दरअसल, सपा के एक डेलिगेशन को संभल जिले में जाना था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने इन नेताओं को उनके घरों में ही नजरबंद कर दिया।

बता दें कि पुलिस की ओर से इन नेताओं को यह जानकारी दी गई कि संभल जिले में 10 दिसंबर तक प्रवेश पर रोक है। इसके लिए उन्हें संभल के जिलाधिकारी का एक पत्र भी दिया गया है। नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “पुलिस ने हमें संभल के डीएम का एक पत्र सौंपा है, जिसमें 10 दिसंबर तक संभल जिले में प्रवेश निषेध की बात कही गई है।” उन्होंने आगे कहा कि पुलिस का यह कदम पूरी तरह से अनुचित है और इस पर कोई स्पष्ट कारण भी नहीं बताया गया है।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने भी इस कार्रवाई पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “हमें कोई लिखित नोटिस नहीं दिया गया है। सिर्फ हमें बताया गया कि घर के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई है। यह बिना किसी औपचारिक नोटिस के किया गया है, जो पूरी तरह से गलत है।” उन्होंने यह भी कहा कि अन्य नेता बिना किसी परेशानी के यात्रा कर रहे हैं, लेकिन हमारी यात्रा से सरकार को लगता है कि अशांति हो सकती है, जो एक राजनीतिक बहाना है। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि यह सरकार अपने कामों पर पर्दा डालने के लिए जानबूझकर ऐसा कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि डिविजनल कमिश्नर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “वह उधारू कमिश्नर हैं, जो यहां के नहीं हैं और उनकी हमारे प्रदेश के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है।” इस मामले में सपा के नेताओं का कहना है कि सरकार अपने कार्यों पर पर्दा जालने के लिए जानबूझकर यह कर रही है।

 

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