लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण की वोटिंग से पहले बलिया से समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रहे नारद राय बीजेपी में शामिल हो गए हैं, जिसके बाद वो खुलकर सपा और अखिलेश यादव को लेकर बयान दे रहे हैं।बलिया में वोटिंग से तीन दिन पहले उन्होंने दावा किया कि वो तीन दिन में सपा की तेरहवीं करवा देंगे।
नारद राय बलिया के बड़े भूमिहार नेताओं में शामिल थे और समाजवादी पार्टी के साथ शुरुआत से ही जुड़े थे।लेकिन अखिलेश यादव से नाराजगी के बाद उन्होंने सपा छोड़ने का एलान कर दिया। बीजेपी में शामिल होने के बाद इंडिया टीवी से बात करते हुए नारद राय ने कहा कि अब समय बहुत कम है और काम ज्यादा है।
समाजवादी पार्टी की तेरहवीं कराने की चुनौती
उन्होंने चुनौती दी कि तीन दिन के अंदर समाजवादी पार्टी की तेरहवीं करवाऊंगा और बलिया में अखिलेश यादव की साइकिल पर ताला लगवाकर कमल के फूल वाला बटन दबवाऊंगा, उन्होंने कहा कि हमें किसी ने कोई लक्ष्य नहीं दिया है और न ही हमने भारतीय जनता पार्टी में कोई शर्त रखी है. हमने तो खुद ही संकल्प लिया है।
उन्होंने चुनौती दी कि तीन दिन के अंदर समाजवादी पार्टी की तेरहवीं करवाऊंगा और बलिया में अखिलेश यादव की साइकिल पर ताला लगवाकर कमल के फूल वाला बटन दबवाऊंगा, उन्होंने कहा कि हमें किसी ने कोई लक्ष्य नहीं दिया है और न ही हमने भारतीय जनता पार्टी में कोई शर्त रखी है. हमने तो खुद ही संकल्प लिया है।
दरअसल हाल ही में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव बलिया में चुनाव जनसभा करने पहुंचे, इस दौरान उन्होंने मंच से नारद राय का नाम तक नहीं लिया, जिसके बाद उनकी सपा से नाराजगी बढ़ गई।उन्होंने सपा अध्यक्ष पर अपना अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले सात सालों से उन्हें लगातार अपमानित किया जा रहा है। अखिलेश यादव ने मंच से मेरा नाम भी नहीं लिया।
जिसके बाद उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और बीजेपी में शामिल हो गए।जिसके बाद उन्होंने पूरी ताकत से बीजेपी को जिताने का दावा किया है।नारद राय सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे हैं।और बलिया सदर सीट से विधायक भी रह चुके हैं।सपा सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया था। नारद राय के बीजेपी के खेमे में जाने से सपा को नुकसान होना तय है।इस क्षेत्र में भूमिहार वोटरों की अच्छी खासी तादाद है।