नई दिल्लीः ‘सनातन धर्म को उखाड़ फेंकने’ संबंधी तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के बयान पर छिड़ी तीखी बहस के बीच बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिकाकर्ता ने सनातन धर्म के बारे में टिप्पणियों के लिए द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ए. राजा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का भी अनुरोध किया है।
राजा ने DMK के प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन का समर्थन करते हुए ‘सनातन धर्म’ की तुलना कुष्ठ रोग और एचआईवी से की है। अधिवक्ता विनीत जिंदल की ओर से शीर्ष अदालत में दायर याचिका में दिल्ली और चेन्नई पुलिस के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी करने की भी मांग की गई है।
याचिका में दिल्ली और चेन्नई पुलिस पर नफरत फैलाने वाले भाषण को लेकर शीर्ष अदालत के निर्देशों को लागू नहीं करने का आरोप लगाया गया है। शीर्ष अदालत ने इस साल 28 अप्रैल को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों के खिलाफ मामले दर्ज करने का निर्देश दिया था, भले ही ऐसे मामले में कोई शिकायत न की गई हो।