तेलंगाना में सभी दल विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगे हुए हैं। इस बीच सत्ताधारी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को एक बड़ा झटका लगा, जहां उसके मौजूदा विधायक मयनामपल्ली हनुमंत राव ने अपने बेटे के साथ पार्टी छोड़ दी। उन्होंने गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस का दामन थामा।
कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे ने खुद उनको पार्टी में शामिल करवाया। इस दौरान तेलंगाना पीसीसी चीफ अनुमुला रेवंत रेड्डी भी मौजूद थे। वहीं बीआरएस के पूर्व विधायक वेमुला वीरेशम भी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
हैरानी की बात ये है कि बीआरएस ने मन्नापल्ली हनुमंत राव को मल्काजगिरी सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया था। ऐसे में उनके पार्टी छोड़ने से सब हैरान रह गए। उनके करीबियों के मुताबिक उन्होंने अपने बेटे के लिए बीआरएस से टिकट मांगा था, लेकिन हाईकमान ने उसे खारिज कर दिया। ऐसे में वो अपने बेटे के साथ कांग्रेस में चले गए।
वहीं पार्टी छोड़ने से पहले उन्होंने बीआरएस पर गंभीर आरोप लगाए थे। राव ने कहा कि पार्टी में लोकतंत्र और पारदर्शिता की कमी है। पार्टी का नाम एकतरफा तौर पर तेलंगाना राष्ट्र समिति से बदलकर भारत राष्ट्र समिति कर दिया गया। मौजूदा वक्त में बीआरएस कुछ सत्ता-भूखे व्यक्तियों के हाथों का मोहरा बन गई है।
राव के करीबियों के मुताबिक वो अपने बेटे के लिए मेडक विधानसभा सीट से टिकट चाहते थे। उन्होंने कई बार बीआरएस हाईकमान से इसकी मांग की थी। इसके बाद जब लिस्ट आई, तो उन्होंने बगावती सुर बोलने शुरू कर दिए। उन्होंने राज्य के वित्त मंत्री टी हरीश राव पर बेटे का टिकट काटने का आरोप लगाया था।
उनकी बगावत के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री दामोदर राजा नरसिम्हा ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ उनसे मुलाकात की थी। इस दौरान उनके कांग्रेस में आने पर सहमति बनी। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने भी उनके बेटे को टिकट देने का कोई वादा तो नहीं किया है, लेकिन इसके बावजूद वो उसमें शामिल हो गए।