केंद्र सरकार ने मंगलवार को सड़क हादसों के पीड़ितों के लिए एक महत्वपूर्ण और राहतकारी योजना की घोषणा की, जिसका उद्देश्य देशभर में हादसे के शिकार लोगों को तत्काल चिकित्सा सुविधा प्रदान करना है। इस नई पहल, जिसे ‘सड़क दुर्घटना पीड़ितों का कैशलेस उपचार योजना, 2025’ नाम दिया गया है, के तहत सड़क हादसों में घायल व्यक्तियों को कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। मीडिया के अनुसार, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इस योजना को आधिकारिक तौर पर अधिसूचित कर दिया है, जो सड़क सुरक्षा और पीड़ितों के कल्याण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

इस योजना के तहत, सड़क दुर्घटना का शिकार कोई भी व्यक्ति, चाहे वह भारतीय नागरिक हो या विदेशी, देशभर के किसी भी नामित अस्पताल में अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज प्राप्त कर सकेगा। यह सुविधा हादसे की तारीख से सात दिनों तक उपलब्ध रहेगी, ताकि पीड़ितों को तुरंत और प्रभावी चिकित्सा सहायता मिल सके। योजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आर्थिक तंगी या जटिल प्रक्रियाओं के कारण किसी भी घायल व्यक्ति को समय पर इलाज से वंचित न होना पड़े।

योजना का दायरा

यह योजना सभी प्रकार की सड़क दुर्घटनाओं को कवर करेगी, चाहे वह मोटर वाहन से संबंधित हो या अन्य कारणों से हुई हो। इसके लिए सरकार ने देशभर में अस्पतालों का एक नेटवर्क तैयार किया है, जिसमें सरकारी और निजी दोनों तरह के अस्पताल शामिल होंगे। इन अस्पतालों को योजना के तहत पंजीकृत किया जाएगा, और वे कैशलेस इलाज प्रदान करने के लिए अधिकृत होंगे। इलाज का खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा, जिसके लिए एक पारदर्शी और डिजिटल प्रणाली विकसित की जा रही है।

सरल प्रक्रिया पर दिया जोर

योजना के तहत इलाज की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने पर विशेष जोर दिया गया है। इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर की व्यवस्था की जाएगी, जहां पीड़ित या उनके परिवार वाले आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा, हादसे के तुरंत बाद पुलिस और आपातकालीन सेवाओं को अस्पतालों के साथ समन्वय करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि घायलों को जल्द से जल्द चिकित्सा सुविधा मिल सके।

योजना का उद्देश्य और महत्व

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, भारत में हर साल लाखों सड़क हादसे होते हैं, जिनमें हजारों लोग अपनी जान गंवाते हैं और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। कई मामलों में, समय पर इलाज न मिलने के कारण पीड़ितों की स्थिति और बिगड़ जाती है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य ‘गोल्डन आवर’ (हादसे के पहले एक घंटे) के दौरान पीड़ितों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करना है, क्योंकि इस समय में दी गई चिकित्सा सहायता से जान बचाने की संभावना काफी बढ़ जाती है।

आर्थिक बोझ से मिलेगी राहत

यह योजना सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा कवच के रूप में काम करेगी। यह न केवल उनकी जान बचाने में मदद करेगी, बल्कि उनके परिवारों पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को भी कम करेगी। खास तौर पर, ग्रामीण और दूरदराज आवरहालांकि, योजना का लाभ सभी के लिए उपलब्ध होगा, चाहे उनकी आर्थिक स्थिति, लिंग, धर्म या क्षेत्र कुछ भी हो।

भविष्य की योजनाएं

मंत्रालय ने संकेत दिया है कि इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए भविष्य में इसमें और सुधार किए जा सकते हैं। इसमें अस्पतालों के नेटवर्क का विस्तार, डिजिटल तकनीक का अधिक उपयोग, और जागरूकता अभियानों को शामिल किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना को 2025 की शुरुआत से पूरे देश में लागू कर दिया जाए, ताकि सड़क हादसों के पीड़ितों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा मिल सके।

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