समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने को कहा कि राज्यसभा की तीसरी सीट का चुनाव सच्चे साथियों की पहचान करने की परीक्षा थी। दरअसल, उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए मंगलवार को हुए चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी 8 और सपा ने 3 उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था। मतदान के ठीक पहले सपा के वरिष्ठ नेता और ऊंचाहार के विधायक मनोज पांडे ने विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक पर से इस्तीफा देकर भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान का संकेत दिया। मनोज पांडे के साथ साथ 6 अन्य विधायकों के भी भाजपा के पक्ष में जाने की संभावना को बल मिला। इसके चलते संभावित हार से निराश सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि क्रास वोटिंग करने वाले सभी विधायकों के खिलाफ कारर्वाई की जायेगी। उन्होंने ट्वीट किया कि हमारी राज्यसभा की तीसरी सीट दरअसल सच्चे साथियों की पहचान करने की परीक्षा थी और ये जानने की कि कौन-कौन दिल से पीडीए के साथ और कौन अंतरात्मा से पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। अब सब कुछ साफ है, यही तीसरी सीट की जीत है।
यादव ने बुधवार सुबह 11 बजे पार्टी मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस बुलायी है जिसमें उनके बड़े ऐलान की संभावना है। राज्यसभा की 10 सीटों के लिए भाजपा ने पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह, संगीता बलवंत, साधना सिंह, अमरपाल मौर्य, तेजवीर सिंह, नवीन जैन और संजय सेठ को मैदान में उतारा है जबकि मुख्य विपक्षी दल सपा ने मौजूदा राज्यसभा सांसद जया बच्चन, पूर्व आईएएस अधिकारी आलोक रंजन और पूर्व मंत्री रामजी लाल सुमन को मैदान में उतारा है। इस चुनाव में संख्या बल के लिहाज से भाजपा की 7 और सपा की 2 सीटों पर जीत तय है जबकि बची हुई एक सीट के लिए सपा प्रत्याशी आलोक रंजन और सपा छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए संजय सेठ के बीच मुकाबला है जिसमें संजय सेठ की जीत तय मानी जा रही है।

 

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