संसद के बृहस्पतिवार से शुरू होने जा रहे मानसून सत्र से एक दिन पहले आज (19 जुलाई, बुधवार) को केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जिसमें सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी दलों के साथ चर्चा की जाएगी।
संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार, संसद के मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर दोनों सदनों के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक बुधवार को अपराह्न 3 बजे संसदीय ग्रंथालय भवन में बुलाई गई है। संसद के सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाने की परंपरा रही है, जिसमें विभिन्न दल अपने मुद्दों को रखते हैं।
इस बैठक में सरकार के वरिष्ठ मंत्री शामिल होते हैं। ऐसी कई बैठकों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी हिस्सा लिया है। उधर, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा मंगलवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक को टाल दिया गया, क्योंकि कई दलों के नेता उपलब्ध नहीं थे। विपक्षी दलों की मंगलवार को बेंगलुरू में बैठक हो रही है, जबकि भाजपा नीत राजग की बैठक भी आज ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में होने वाली है।
संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई को होगी। सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान संसद के दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं। मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। एक ओर जहां सत्ता पक्ष महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने का प्रयास करेगा, वहीं दूसरी ओर विपक्ष मणिपुर हिंसा, रेल सुरक्षा, महंगाई और अडाणी मामले पर जेपीसी गठित करने की मांग सहित अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।
लोकसभा सचिवालय के एक बुलेटिन के अनुसार, संसद के मानसूत्र सत्र या 17वीं लोकसभा के 12वें सत्र के दौरान लिये जाने वाले सरकारी कार्यों की संभावित सूची में 21 नए विधेयकों को पेश व पारित करने के लिए शामिल किया गया है।
इसमें दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 भी शामिल है। यह विधेयक संबंधित अध्यादेश का स्थान लेने के लिए पेश किया जाएगा। आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है।