संसद पर आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए, नारेबाजी की और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया। इस घटना के कुछ देर बाद ही पीले और लाल रंग का धुआं छोड़ने वाली ‘केन’ लेकर संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाले एक पुरुष और एक महिला को गिरफ्तार किया गया। इन लोगों ने ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ और कुछ अन्य नारे लगाए।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोकसभा सचिवालय के अनुरोध पर संसद की सुरक्षा में हुई चूक की घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह के नेतृत्व वाली एक समिति इस घटना की जांच करेगी।
उन्होंने कहा कि समिति में अन्य सुरक्षा एजेंसियों के सदस्य और विशेषज्ञ भी शामिल रहेंगे। समिति संसद की सुरक्षा में चूक के कारणों का पता लगाएगी और कार्रवाई की सिफारिश करेगी।
पुलिस के सूत्रों के मुताबिक संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले छह लोग देश के अलग-अलग शहरों से हैं और इन्होंने मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए बातचीत कर इस घटना को अंजाम देने की साजिश रची, जिसके लिए ये लोग हरियाणा के गुरुग्राम में एक फ्लैट में एकत्र हुए।
लोकसभा कक्ष में यह घटना अपराह्न करीब 1:01 बजे हुई जब भारतीय जनता पार्टी के सदस्य खगेन मुर्मू शून्यकाल के दौरान एक मुद्दा उठा रहे थे।
सदन में मौजूद कई सांसदों के अनुसार एक व्यक्ति आसन के पास जाने की कोशिश में बेंच को पार करने लगा जबकि दूसरा कक्ष में कूदने से पहले दर्शक दीर्घा की रेलिंग से लटकते हुए देखा गया।
हनुमान बेनीवाल, मलूक नागर और गुरजीत सिंह औजला सहित अन्य सांसदों ने दोनों युवकों को पकड़ लिया और उनकी पिटाई की।
इस घटना के समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के अलावा राहुल गांधी और अधीर रंजन चौधरी सहित कई विपक्षी नेता समेत 100 से अधिक सांसद मौजूद थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सदन में मौजूद नहीं थे क्योंकि वे मुख्यमंत्री मोहन यादव के शपथ ग्रहण समारोह के लिए भोपाल में थे।
इस घटना के समय पीठासीन सभापति रहे राजेंद्र अग्रवाल ने कार्यवाही तुरंत एक घंटे के लिए स्थगित कर दी।
विपक्षी दलों ने इस घटना की गहन जांच की मांग करने के साथ ही गृह मंत्री अमित शाह के बयान तथा संसद की सुरक्षा की समीक्षा का आग्रह किया।
सदन में कूदने वाले दोनों व्यक्तियों पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन डी. के रूप में हुई है। संसद भवन के बाहर से गिरफ्तार किए गए दो लोगों की पहचान हरियाणा के जींद जिले के गांव घासो खुर्द निवासी नीलम (42) और लातूर (महाराष्ट्र) निवासी अमोल शिंदे (25) के रूप में हुई है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में दो लोगों के कूदने की घटना को गंभीर करार देते हुए कहा कि इसकी उच्च स्तरीय जांच की जा रही है तथा संसद की सुरक्षा की व्यापक समीक्षा की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि जो धुआं सदन में फैलाया गया था वह साधारण था और इसको लेकर चिंता वाली कोई बात नहीं है।
बिरला ने लोकसभा में कूदने वाले दोनों व्यक्तियों को रोकने और दबोचने में मुस्तैदी एवं निडरता दिखाने के लिए सांसदों, सुरक्षाकर्मियों एवं कर्मचारियों की सराहना की।
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में कई सांसद सदन में कूदने वाले एक व्यक्ति को पीटते दिखाई देते हैं। इन सांसदों में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के मलूक नागर शामिल हैं।
बसपा के लोकसभा सदस्य दानिश अली ने कहा कि सागर शर्मा नामक व्यक्ति का पास मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा की अनुशंसा पर बना था।
विपक्षी दलों ने इस विषय पर सरकार से जवाब और संसद की सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा की मांग की।
संसद की सुरक्षा में चूक की यह घटना 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन हुई है।
सदन में शून्यकाल के दौरान दोपहर करीब एक बजे दर्शक दीर्घा से दो व्यक्ति सदन में कूदे और इनमें से एक व्यक्ति एक मेज से अगली मेज पर तेजी से कूदते हुए आगे की ओर भाग रहा था। इन लोगों ने केन से सदन में धुआं फैला दिया सुरक्षाकर्मियों और कुछ सांसदों ने इन्हें घेर लिया। बाद में दोनों को पकड़ लिया गया। उस समय आसन पीठासीन सभापति के रूप में राजेंद्र अग्रवाल बैठे थे। उन्होंने सदन की कार्यवाही तत्काल करीब एक घंटे के लिए स्थगित कर दी।
इस घटना को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लोकसभा में सदस्यों से कहा, ‘‘आज जो आज घटना घटी है वह हम सबके लिए चिंता का विषय है। यह गंभीर घटना भी है। हमारे सांसदों, सुरक्षाकर्मियों, मार्शलों, चैम्बर स्टॉफ ने जिस तरह से मुस्तैदी और निडरता के साथ उनको (कूदने वालों को) दबोचा, मैं उसके लिए उन सबको बधाई देता हूं।’’
उन्होंने कहा , ‘‘आज के दिन ही 2001 में इसी तरह से हमारे केंद्रीय सुरक्षा बल, संसद सुरक्षा बल, अन्य लोगों ने उस हमले को विफल किया था। आज घटना को विफल करने के लिए हमने जो सामूहिक प्रयास किया है उसके लिए सदन को बधाई देता हूं।’’
लोकसभा अध्यक्ष ने सदन से कहा, ‘‘हम इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कर रहे हैं। जांच के उपरांत जो निष्कर्ष निकलेंगे, उनके अनुसार कार्रवाई भी सुनिश्चित करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था की व्यापक समीक्षा की जाएगी। सभी दलों के नेताओं और सांसदों ने ऐसा आग्रह भी किया है।’’
बिरला ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था में क्या-क्या सुधार हो सकता है, उस पर सभी दलों के नेताओं के सुझाव के आधार पर कदम उठाए जाएंगे।
बिरला ने सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इस घटना को लेकर बिरला ने सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद की सुरक्षा में भारी चूक को लेकर चिंता जताई और मामले की जांच के साथ-साथ नए भवन में भी पुराने भवन की तरह सख्त सुरक्षा कदम उठाने की मांग की।
तृणमूल कांग्रेस के कुछ सांसदों ने इस घटना की तुलना अपनी पार्टी सहयोगी महुआ मोइत्रा के निष्कासन से की और उन भाजपा सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जिन्होंने कथित तौर पर आरोपियों को संसद में प्रवेश करने के लिए पास दिलाने में मदद की थी।
वहीं, दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा कि बुधवार को संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में छह लोग शामिल थे और इनमें से पांच आरोपियों को पकड़ लिया गया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अच्छी तरह से समन्वित, सावधानीपूर्वक रची गई साज़िश के जरिए छह आरोपियों ने संसद की सुरक्षा का उल्लंघन किया।
आरोपी अमोल शिंदे और नीलम को संसद भवन के बाहर से पकड़ा गया, जबकि सागर शर्मा और मनोरंजन डी को लोकसभा के अंदर से पकड़ा गया। वे पुलिस की हिरासत में हैं। शक है कि ललित और विशाल उनके साथी हैं। सूत्रों ने बताया कि विशाल को गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया है।
पुलिस ने सागर शर्मा (26), मनोरंजन डी (34), अमोल शिंदे (25) और नीलम (42) को हिरासत में ले लिया और उनसे पूछताछ कर रही है। पुलिस ने पांचवें व्यक्ति को भी हिरासत में ले लिया है।
इस बीच, किसान नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को संसद की सुरक्षा में सेंध की घटना की निंदा करते हुए कहा कि न तो संयुक्त किसान मोर्चा और न ही भारतीय किसान यूनियन का इस घटना से कोई लेना-देना है।