संसद के बजट सत्र के आखिरी दिन शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 17वीं लोकसभा में कई बड़े फैसले हुए। यह पांच साल देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के थे। पीएम मोदी ने सदन के सभी सदस्यों का अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि 17वीं लोकसभा में 5 वर्ष देश सेवा में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय किए गए और अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए भी सबने अपने सामर्थ्य से देश को उचित दिशा देने का प्रयास किया। 17वीं लोकसभा के विदाई भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि राम मंदिर को लेकर इस सदन ने जो प्रस्ताव पारित किया है, वह देश की भावी पीढ़ी को इस देश के मूल्य पर गर्व करने की संवैधानिक शक्ति दे रहा है। यह सही है, हर किसी में ये सामर्थ्य नहीं होता है, कोई हिम्मत दिखाते हैं, कोई मैदान छोड़ देता है। इस दौरान पीएम मोदी ने सभी सांसदों का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि हम 100 प्रतिशत से अधिक उत्पादकता हासिल करने के संकल्प के साथ 18वीं लोकसभा में प्रवेश करेंगे। 21वीं सदी के भारत की मजबूत नींव इस कार्यकाल में रखी गई है। एक बदलाव की तरफ तेज गति से देश आगे बढ़ा है। इसमें संसद के सदस्यों ने अपनी भागीदारी की है। इस 17वीं लोकसभा के माध्यम से बहुत सारे ऐसे काम हुए हैं, जिसका लोग इंतजार करते थे। पीढ़ियों का इंतजार खत्म हुआ है। अनेक पीढ़ियों ने एक संविधान के लिए सपना देखा था। लेकिन, हर पल वो संविधान में दरार दिखाई देती थी, एक खाई नजर आती थी, एक रूकावट चुभती थी, इसी सदन ने धारा-370 हटा दिया।

पीएम मोदी ने कहा कि संविधान के पूर्ण रूप के इसके पूर्ण प्रकाश के साथ, इसका प्रकटीकरण हुआ और मैं मानता हूं कि जिन-जिन महापुरुषों ने इस संविधान का निर्माण किया है, उनकी आत्मा जहां भी होगी, हमें आशीर्वाद जरूर दे रही होगी। जम्मू-कश्मीर के लोगों को सामाजिक न्याय से वंचित रखा गया था। आज हमें संतोष है कि सामाजिक न्याय का जो हमारा संकल्प है, वह जम्मू-कश्मीर के अपने भाई-बहनों को भी पहुंचाकर हम एक संतोष की अनुभूति कर रहे हैं।

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