संभल जिले के थाना नखासा क्षेत्र स्थित रायसत्ती माता मंदिर परिसर में भगवान शिव की एक प्राचीन खंडित प्रतिमा मिलने से धार्मिक व ऐतिहासिक चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि यह मूर्ति हज़ारों वर्ष पुरानी है, हालांकि इसकी वास्तविक उम्र कार्बन डेटिंग के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।
मंदिर की देखरेख करने वाली महिला सर्वेश रानी ने जानकारी दी कि यह मूर्ति उनके ददिया ससुर हरिहर मंदिर से लेकर आए थे। उनका दावा है कि यह मूर्ति पहले से ही खंडित अवस्था में थी और किसी ने इसे वहां तोड़कर फेंक दिया था। उन्होंने बताया, “शादी के बाद जब मैं यहां आई, तब से इस मूर्ति को ऐसे ही देख रही हूं। यह शिवजी की मूर्ति है, आधा हिस्सा टूटा हुआ है, और हमने इसे पूरी हिफाजत से यहीं रखा हुआ है।”
इसी परिसर में स्थित भागीरथ तीर्थ कुंड, जहां पहले श्रद्धालु स्नान करते थे, अब जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है। कभी इस कुंड के जल से कोढ़ रोग से मुक्ति मिलने की मान्यता थी, लेकिन अब इसमें नाले का गंदा पानी आने से पानी सूख चुका है और कुंड झाड़-झंकार से भर गया है।
सर्वेश रानी ने बताया, “इस कुंड में पहले भक्तगण स्नान किया करते थे। अब इसकी सीढ़ियां टूट चुकी हैं और पानी सूख गया है। यह एक प्राचीन तीर्थ स्थल है, जिसकी देखरेख अब हमारी जिम्मेदारी है।”
संभल जिले में 68 तीर्थ और 19 प्राचीन कूपों का उल्लेख मिलता है। प्रशासन इन सभी देव तीर्थों को तलाशने और संरक्षित करने का प्रयास कर रहा है। अब तक जिन तीर्थों की पहचान हुई है, उनके संरक्षण के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं। शहरी क्षेत्रों में नगर पालिका और मुख्यमंत्री बंधन योजना के अंतर्गत इनका जीर्णोद्धार किया जाएगा।