नई दिल्ली। दिल्ली सेवा अधिनियम मंगलवार को लोकसभा में पेश किए जाने के साथ ही विपक्षी दल केंद्र सरकार पर हमलावर होने लगे हैं। विपक्षी दलों ने बिल पेश किए जाने की संवैधानिकता को लेकर ही लोकसभा में सवाल खड़ा कर दिया, हालांकि सदन ने बहुमत से विधेयक पेश किए जाने की अनुमति दे दी। इधर, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने दावा किया है कि बिल भले ही लोकसभा में पास हो जाए, लेकिन राज्यसभा में गिर जाएगा।

सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्यसभा में विधेयक के विरोध में मतदान करने वाले दलों के पास पर्याप्त संख्या बल है। उन्होंने विधेयक को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले, संविधान और देश के संघीय ढांचे के खिलाफ बताते हुए कहा कि इस अंसवैधानिक विधेयक के जरिए दिल्ली की निर्वाचित सरकार के अधिकार छीने जा रहे हैं। सरकार की ओर से गत मई में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लाए गए अध्यादेश की भाषा का ही लोकसभा में पेश विधेयक में इस्तेमाल किया गया है। टीम इंडिया के सभी सांसद पूर्ण रूप से इसका विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि लोकसभा में विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दे रखा है। इसे सदन ने मंजूरी भी दे दी। इसके बाद विधेयक लाना और पारित करवाना अंसवैधानिक है।

राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने संसद परिसर में मीडिया से कहा कि यह विधेयक सत्य की असत्य और धर्म की अधर्म के साथ लड़ाई है। सत्य और धर्म हमारे साथ है। भाजपा अधर्म कर रही है और इस लड़ाई में जीत धर्म की ही होगी।

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