संजय शेरपुरिया से शुक्रवार को आईबी अफसरों के अलावा एटीएस के अधिकारियों ने भी पूछताछ की। शाम को विभूतिखंड कोतवाली में इन अफसरों ने उससे फंड मैनेजर और विदेशी रकम के बारे में पूछा। साथ ही यह भी पूछा कि केरोसीन का आयात-निर्यात कितने दिन किया था। एटीएस और आईबी उसके विदेशी सम्पर्क सामने आने पर सक्रिय हुये थे। कई सवालों के जवाब उसने गोलमोल दिये।

शेरपुरिया ने बताया कि पेट्रोकेमिकल्स के काम में उसने करोड़ों रुपये कमाये। इस दौरान ही 300 करोड़ का टर्न ओवर होने पर उसने केरोसीन का आयात-निर्यात शुरू कर दिया था। इसी बीच एक बड़ी निजी कम्पनी के केरोसीन ऑयल के उत्पादन में कूद पड़ने पर उसका यह धंधा चौपट होने लगा था। इसके बाद ही उसने गुजराते से दिल्ली, फिर यूपी का रुख कर लिया था।

एटीएस ने करीब तीन घंटे की पूछताछ में सिर्फ यही सवाल किया कि उसे विदेशी रकम किसके जरिये मिलती थी। यह रकम किसके खाते से आती थी और किसके खाते में भेजी जाती थी। इस बारे में शेरपुरिया ने थोड़ी बहुत जानकारी ही दी। उसे कई खातों की डिटेल भी दिखायी गई जिसमें हुये लेन-देन पर भी उससे पूछा गया। शेरपुरिया ने यह स्वीकारा कि अपने कई बड़े अफसरों से सम्बन्ध होने पर ही उसने विदेशी रुपये अपने देश में मंगवाये थे। करोड़ों की सम्पत्ति का खुलासा होने पर ही ईडी ने भी उससे कई घंटे तक पूछताछ की थी।

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