बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने रविवार को आरोप लगाया कि शेख हसीना की “क्रूर तानाशाही” ने उनके डेढ़ दशक के शासनकाल के दौरान देश की हर संस्था को नष्ट कर दिया और तब चुनावों में “खुलेआम धांधली” की गई।
हसीना के इस्तीफे और उनके भारत जाने के बाद अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभालने के 10 दिन बाद युनूस पहली बार ढाका में तैनात विदेशी राजनयिकों से मुखातिब हुए। चौरासी वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता ने जन विद्रोह से उत्पन्न “दूसरी क्रांति” के पश्चात बांग्लादेश के पुनर्निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन मांगा।
यूनुस ने ढाका में भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा सहित राजनयिकों को आश्वासन दिया कि जैसे ही उनकी सरकार “अहम सुधार” करने की प्रक्रिया पूरी कर लेगी, उनका प्रशासन “स्वतंत्र, निष्पक्ष और भागीदारीपूर्ण” चुनाव कराएगा।
उन्होंने कहा, “क्रांतिकारी छात्र चाहते हैं कि हम सार्थक और गहन सुधार करें, जिससे देश एक वास्तविक और संपन्न लोकतंत्र में बदल जाए। यह कार्य बहुत बड़ा है, लेकिन सभी लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन से इसे पूरा किया जा सकता है।”
सरकारी नौकरियों में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली के खिलाफ छात्रों के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद 76 वर्षीय हसीना ने पांच अगस्त को इस्तीफा दे दिया और भारत चली गईं।
हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद 84 साल के यूनुस ने आठ अगस्त को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली।
यूनुस ने आरोप लगाया, “सत्ता बरकरार रखने की कोशिश में शेख हसीना की तानाशाही ने देश की हर संस्था को नष्ट कर दिया। न्यायपालिका चरमरा गई। डेढ़ दशक तक चली क्रूर कार्रवाई के जरिये लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचला गया।”
हसीना जून 1996 से जुलाई 2001 तक तथा पुनः जनवरी 2009 से अगस्त 2024 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं।
यूनुस ने कहा कि उन्होंने एक ऐसे देश की कमान संभाली है जो हसीना की “क्रूर तानाशाही” के बाद “कई मायनों में पूरी तरह से अव्यवस्थित” हो चुका है।
उन्होंने ने कहा, “बांग्लादेश ने दूसरी क्रांति देखी, जब लाखों बहादुर छात्र और लोग शेख हसीना की क्रूर तानाशाही के खिलाफ उठ खड़े हुए।”
मुख्य सलाहकार ने कहा कि चुनावों में खुलेआम धांधली की गई और युवा पीढ़ी अपने मताधिकार का इस्तेमाल किए बिना ही बड़ी हो गई।
यूनुस ने कहा, “बैंकों को पूर्ण राजनीतिक संरक्षण के तहत लूटा गया। सत्ता का दुरुपयोग करके सरकारी खजाने को लूटा गया।’’ उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय मेलमिलाप को बढ़ावा देने के लिए भी ईमानदारी से प्रयास करेंगे।
यूनुस ने कहा कि वह व्यापक आर्थिक स्थिरता और सतत विकास को बहाल करने के लिए मजबूत और दूरगामी आर्थिक सुधार करेंगे, जिसमें सुशासन और भ्रष्टाचार एवं कुप्रबंधन से निपटने को प्राथमिकता दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी-कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रण में लाना।
यूनुस ने कहा, “हम अपने लोगों के अटूट समर्थन और सशस्त्र बलों की देशभक्ति के साथ बहुत कम वक्त में सामान्य हालात के करीब होंगे।”
पुलिस बल ने भी अपना काम फिर से शुरू कर दिया है। जब तक जरूरी होगा सशस्त्र बल नागरिक शासन की सहायता के लिए काम करना जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार सभी धार्मिक और जातीय समूहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के गिरने के बाद बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के सदस्यों के विरुद्ध हिंसा में वृद्धि देखी गई।
यूनुस ने कहा कि अंतरिम सरकार “अहम सुधार” करने के लिए जरूरी प्रक्रिया पूरा करते ही स्वतंत्र, निष्पक्ष और सहभागिता आधारित चुनाव कराएगी।
मुख्य सलाहकार ने कहा कि उन्होंने हाल के जन-विद्रोह के दौरान हुई मौतों और हिंसा के लिए इंसाफ और जवाबदेही सुनिश्चित करना भी अपनी प्राथमिकता बना ली है।
उन्होंने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून सहित अपने सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनी दायित्वों को कायम रखेंगे और बढ़ावा देंगे।
यूनुस ने कहा, “हमारी सरकार उन सभी अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय और द्विपक्षीय समझौतों का पालन करेगी, जिनका वह हिस्सा है। बांग्लादेश संयुक्त राष्ट्र को केंद्र में रखते हुए बहुपक्षवाद का सक्रिय समर्थक बना रहेगा।”
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार आपसी सम्मान, समझ और साझा हितों की भावना से सभी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध विकसित करेगी।”
उन्होंने अपने व्यापार और निवेश साझेदारों से आर्थिक समृद्धि के लिए बांग्लादेश में अपना विश्वास बनाए रखने का आह्वान किया।
यूनुस ने बांग्लादेश के पुनर्निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहयोग मांगा।
उन्होंने उन सभी बहादुर छात्रों और निर्दोष लोगों के प्रति गहरा सम्मान और श्रद्धांजलि व्यक्त की, जिन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया।
युनूस ने कहा, “हाल के दिनों में किसी भी अन्य देश के छात्रों को अपनी लोकतांत्रिक आकांक्षाओं को व्यक्त करने, एक भेदभाव-मुक्त, न्यायसंगत और पर्यावरण-अनुकूल राष्ट्र का सपना देखने के लिए इतनी बड़ी कीमत नहीं चुकानी पड़ी।”
उन्होंने कहा, “हमने हाल के जन-विद्रोह के दौरान हुई सभी मौतों और हिंसा के लिए इंसाफ और जवाबदेही सुनिश्चित करना भी अपनी प्राथमिकता बना ली है।”
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में तथ्यान्वेषी मिशन भेजने के संयुक्त राष्ट्र अधिकार कार्यालय के कदम का स्वागत किया है।
युनूस ने कहा, “हम नरसंहार की निष्पक्ष और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वसनीय जांच और उसके बाद उचित न्यायिक प्रक्रिया चाहते हैं। हम संयुक्त राष्ट्र जांचकर्ताओं को जो भी सहायता चाहिए, वह प्रदान करेंगे।”