मुजफ्फरनगर में सिपाही ने अपनी कार्बाइन से एक शिक्षक की गोली मार कर हत्या कर दी। जिससे शिक्षकों में भारी आक्रोश फैल गया। शिक्षकों ने राजकीय शिक्षक संघ के बैनर तले राजकीय जुबली इंटर कालेज में चल रहे बोर्ड कॉपियों के मूल्यांकन के बहिष्कार का आह्वान किया। साथ ही राजकीय शिक्षक संघ ने निदेशक माध्यमिक से मुलाकात कर मृतक शिक्षक के परिवार को एक करोड़ आर्थिक मुआवजा व अन्य सहायता देने की मांग की है। इस घटना का असर पूरे प्रदेश पड़ा। लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में शिक्षकों ने मूल्यांकन बंद कर दिया।
राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय मंत्री सत्य शंकर मिश्रा ने कहा कि वाराणसी में राजकीय हाईस्कूल मेहगांव के शिक्षक धर्मेंद्र यादव यूपी बोर्ड की हाईस्कूल की उत्तर पुस्तिकाओं के बंडल से भरा एक ट्रक लेकर मुजफ्फरनगर गए थे। इस दौरान सुरक्षा में साथ गए आरक्षी चंद्रप्रकाश ने किसी बात को लेकर हुए विवाद में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। उन्होंने बताया कि 17-18 मार्च की रात मुजफ्फरनगर वह उत्तर पुस्तिकाओं की कॉपी लेकर पहुंचे थे, एचडी इंटर कॉलेज का दरवाजा बंद होने के कारण गाड़ी में ही विश्राम कर रहे थे।

आरक्षित चंद्रप्रकाश में शराब के नशे में था तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से बार-बार तंबाकू मांग रहा था। जब अध्यापक धर्मेंद्र कुमार द्वारा इस पर आपत्ति की गई तो चंद्रप्रकाश आपा खो बैठा और उसने अपनी कार्बाइन से कई राउंड फायर कर शिक्षक धर्मेंद्र यादव की हत्या कर दी।

राष्ट्रीय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार उनकी मांगों पर सहमति नहीं दे देती, तब तक प्रदेश में शिक्षक मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार करेंगे। वहीं इस मामले पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की तरफ से भी मूल्यांकन कार्य के बहिष्कार का निर्णय लिया गया है।
संघ के नेता शिक्षक दल एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस घटना के विरोध स्वरूप पूरे प्रदेश में आज कॉपियों के मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही सभी जनपद अध्यक्षों, मंत्रियों और पदाधिकारी से अपेक्षा की गई है कि मूल्यांकन केंद्र पर 2 मिनट का मौन रख दिवंगत शिक्षक की मृत आत्मा की शांति तथा परिवार को इस दुख को सहन करने की प्रार्थना करें।

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