दिल्ली के चर्चित शराब नीति घोटाला मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को अदालत से राहत नहीं मिली है। अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत 17 अप्रैल तक बढ़ा दी है। सिसोदिया की न्यायिक हिरासत आज खत्म हो गई थी। जिसके बाद सीबीआई ने उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था। कथित शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया पर गंभीर आरोप लगे हैं और गिरफ्तार किये जाने के बाद से वो लगातार जेल में हैं। न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद मनीष सिसोदिया को अदालत में आज पेश किया गया था। दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल से लाकर उन्हें अदालत के समक्ष पेश किया गया था।
मनीष सिसोदिया को विशेष जज एम के नागपाल की अदालत में पेश किया गया था। जांच एजेंसी की अपील पर अदालत ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को 14 दिनों के लिए बढ़ा दिया। जांच एजेंसी ने अदालत से कहा कि इस घोटाले में भ्रष्टाचार को लेकर जांच अब एक बेहद ही अहम मोड़ पर है। इससे पहले 26 फरवरी को सीबीआई ने मनीष सिसोदिया से लंबी पूछताछ की थी। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा भी कस चुका है। 03 अप्रैल यानी आज सिसोदिया की सीबीआई की न्यायिक हिरासत खत्म हो रही थी जिसके बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया था। अदालत ने सिसोदिया को राहत नहीं दी है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत अब 17 अप्रैल तक बढ़ा दी है।
मनीष सिसोदिया पर आबकारी मंत्री रहते हुए आबकारी नीति के जरिए जानबूझ कर कारोबारियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा है। इस मामले में ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही है। इससे पहले जब सिसोदिया ने अदालत में अपनी जमानत याचिका लगाई थी तब सीबीआई की तरफ से अदालत में दलील दी गई थी कि अगर उन्हें जमानत मिलती है तो वो जांच और सबूत को प्रभावित कर सकते हैं। जांच एजेंसी ने यह भी दावा किया था कि सिसोदिया ने अपने फोन इसलिए नष्ट कर दिये थे ताकि चैट को नष्ट किया जा सके।
हालांकि, जमानत की मांग करते हुए सिसोदिया ने कहा था कि वो जांच में सीबीआई का सहयोग करते हैं। उनके कही बाहर जाने का खतरा भी नहीं है। सिसोदिया की तरफ से कहा गया था कि इस मामले में जांच एजेंसी ने सभी जांच कर लिए हैं इसलिए उन्हें जमानत में रखना कोई मायने नहीं रखता है।