मुजफ्फरनगर (एमटी न्यूज)। जिला कलक्ट्रैट में भाकियू भानू के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद पंवार एडवोकेट के नेतृत्व में विभिन्न मांगों को लेकर हंगामा काटा गया। इस दौरन राष्ट्रीय महासचिव अरविंद पंवार एडवोकेट ने भाजपा की योगी सरकार पर जमकर तंज कसा। उन्होने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा किसानों के साथ सौतेला व्यावहार किया जा रहा हैं। किसानों को खाद्य महंगा दिया जा रहा हैं और उनकी फसल को सस्ते दामों में खरीदा जा रहा हैं। उन्होनें कहा कि भाजपा सरकार द्वारा गन्ने के भाव में मात्र 20 रूपये की वृद्धि कर किसानों को नये साल का तौहफा बताया गया हैं जबकि किसानों द्वारा गन्ने का भाव 450 रूपये की मांग की जा रही हैं। उन्होनें कहा कि प्रदेश में किसानों के बलबूते ही भाजपा की योगी सरकार अपने कदम जमा पा रही हैं और उनके साथ ही सरकार द्वारा किया जा रहा रवैया किसानों को रूसवा कर रहा हैं। भाकियू भानू ने भाजपा की योगी सरकार से मांग पत्र में गन्ने का मुल्य में कम से कम 30 रूपये प्रति कुंतल की वृद्धि करने की घोषणा इसी सत्र में की जाये, सरकार द्वारा किसानों को मुफ्त बिजली दिये जाने के वायदे को पूरा करते हुए किसानों को मुफ्त बिजली दी जाये। मोरना मिल पर गन्ने की फसल का बडा क्षेत्र है क्षेत्र के लिहाज से पैराई क्षमता कम हैं जिसको बढाई जाये, पांच साल से अधूरी चकबंदी प्रक्रिया को तत्काल पूर्ण कराया जाये, गांव पिन्न में हाईवे बाइपास पर पुल निर्माण को लेकर कई महीनों से लगभग सात गांव के किसान धरने पर हैं जिसका संज्ञान लेकर पुल का निर्माण कार्य अविलंब कराया जाये, पुरकाजी एवं भोपा क्षेत्र में अवैध आरा मशीनों को तत्काल बंद कराया जाये, पीन्ना सलेमपुर लिंक मार्ग पर नई रेलवे लाईन का जो अंडरपास बना हैं वह सडक से गहरा है जिससे बारिस होने पर आवागमन बंद हो जाता हैं उसे सडक की लेवल में कराया जाये, शामली बस स्टैंड पर भवन निर्माण सामंग्री बेचने वालों ने अवैध कब्जा किया हुआ हैं उनको वहां से हटवाकर सडक कब्जा मुक्त कराई जाये, शामली-पानीपत मार्ग पर बने टोल पर की जा रही वसूली को हाईवे निर्माण पुर्ण होने तक बंद कराया जाये। इसके अलावा दीदाहेडी टोल पर गांव दीदा हेडी की दूरी मात्र 8 किलोमीटर हैं,गांव दीदाहेडी के लोगों को आधार कार्ड देखकर बिना टोल के ही छोडा जाये। भाकियू भानू के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद पंवार एडवोकेट ने कहा कि जल्द ही ये सभी मांग पूरी नही हुई तो अनिश्चित कालीन धरना देने को भाकियू भानू मजबूर होगा। उन्होनें कहा कि यदि सरकार किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास करगी तो इसका अंजाम भी अधिक दुखदाई होगा।