दिल्ली के एम्स अस्पताल में खुद को चिकित्सक बताकर ठगी करने वाली एक युवती को एम्स पुलिस चौकी की टीम ने गिरफ्तार किया है। वह खुद को जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर बताकर लोगों से धोखाधड़ी कर रही थी। आरोपित ने एम्स परिसर में 96 हजार की ठगी की वारदात को अंजाम दिया है।
पूछताछ में पता चला है कि युवती का नाम शुभी त्रिवेदी है। उत्तर प्रदेश के बदायूं की रहने वाली है। वह मेडिकल ग्रेजुएट भी नहीं हैं। उसके पास केवल बरेली के एक विश्वविद्यालय से माइक्रोबायोलॉजी में बीएससी की डिग्री है और गलगोटिया विश्वविद्यालय से फोरेंसिक विज्ञान में एमएससी है। इसके चलते उसे फारेंसिक साइंस की पूरी जानकारी है।

शुभी त्रिवेदी एक बार इलाज कराने एम्स आई थी। यहां उसने देखा कि लोग इतने परेशान रहते हैं कि हमेशा सफेद कोट वालों को ढूंढते रहते हैं। ऐसे में उसके दिमाग में पैसे कमाने की तरकीब सूझी। इसी का फायदा उठाते हुए उसने ठगी की योजना बनाई और चिकित्सकों जैसा सफेद कोट खरीदा। इसके साथ ही वारदात को अंजाम देना शुरू कर दिया।
18 अप्रैल को हरिद्वार के एक शख्स ने पुलिस को त्रिवेदी के बारे में जानकारी दी। उस शख्स ने अपनी शिकायत में बताया कि वह अपनी बेटी के हार्ट ट्रीटमेंट के लिए 21 मार्च को एम्स आया था, लेकिन पता चला कि वेटिंग पीरियड बहुत ज्यादा है। तभी एक जूनियर रेजिडेंट मिली, जिसने जल्दी प्रक्रिया पूरी कर इलाज का आश्वासन दिया। त्रिवेदी ने डॉक्टर का कोट पहन रखा था और खुद को फोरेंसिक और टॉक्सिकोलॉजी विभाग में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर बताया।
युवती ने उनका जल्द से जल्द इलाज कराने का लालच देकर 96 हजार लाख रुपए लिए। इसके बाद युवती ने उन्हें 10 दिन बाद आने को कहा, लेकिन इसके बाद वह कॉल को अंदेखा करने लगी और कोई जवाब ही नहीं देती। इसके बाद उन्हें अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ। पीड़ित ने रुपये यूपीआई से भेजा था।

इसके बाद पुलिस ने जांच कर सीसीटीवी फुटेज की मदद से महिला की पहचान कर मामले का खुलासा किया। फुटेज में मिली महिला के फोटो के आधार पर पूछताछ कर आरोपित महिला को गिरफ्तार कर लिया ।

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