उत्तर प्रदेश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करने की कवायद में यूपी सरकार जुटी हुई है। इस दिशाा में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत अब योगी आदित्यनाथ सरकार स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक (डब्ल्यूईएफ-2023) में भाग लेने के लिए तैयार है।

अधिकारियों की माने तो एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल, जिसमें औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, औद्योगिक विकास आयुक्त (आईआईडीसी) मनोज कुमार सिंह और मुख्यमंत्री के सचिव अमित सिंह शामिल हैं, राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे। WEF कार्यक्रम अगले साल 15 से 19 जनवरी तक होने वाला है।

योगी सरकार 2027 तक एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने की दिशा में काम कर रही है। इस लक्ष्य की प्राप्ति में, सरकार न केवल उद्यमशीलता को बढ़ावा दे रही है, बल्कि सक्रिय रूप से वैश्विक उद्योग जगत के नेताओं का ध्यान भी आकर्षित कर रही है।

राज्य को देश में सबसे आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में जोर देते हुए, योगी सरकार ने हाल ही में एक नई प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) योजना का अनावरण किया है। यह पहल विशेष रूप से वैश्विक मंच पर फॉर्च्यून 500 कंपनियों के निवेश को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई है। विशेष रूप से, 14 फॉर्च्यून 500 सूचीबद्ध कंपनियों की राज्य में उपस्थिति है। अब इस संख्या को बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश में व्यापक प्रयास किये जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश ने हाल के वर्षों में विदेशी निवेश को आकर्षित करने में उल्लेखनीय प्रगति की है, पिछले वर्षों की तुलना में इसमें काफी वृद्धि हुई है। 2019 और 2023 के बीच, राज्य में 2001 से 2017 तक के 17 वर्षों की तुलना में लगभग चार गुना अधिक विदेशी निवेश देखा गया।

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग और भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 2000 से 2017 तक उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश का प्रवाह मात्र 3,000 करोड़ रुपये था। इसके विपरीत, प्रत्यक्ष निवेश लगभग 11,000 करोड़ रुपये तक बढ़ गया।

विशेष रूप से, उत्तर प्रदेश ने अक्टूबर 2019 से जून 2023 तक भारतीय राज्यों के बीच एफडीआई रैंकिंग में 11 वां स्थान हासिल किया। उत्तर प्रदेश से आगे के राज्यों में महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, झारखंड, राजस्थान और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। उत्तर प्रदेश ने पंजाब, आंध्र प्रदेश, केरल, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़, गोवा और छत्तीसगढ़ सहित 22 अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया।

 

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