इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर ने बार काउंसिल उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ की अर्जी पर सुनवाई करते हुए हापुड़ में अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज मामले में महत्वपूर्ण आदेश दिया है। इस पूरे मामले की जांच के लिए एक और छह सदस्यीय कमेटी गठित की गई है, जिसमें हाईकोर्ट के तीन न्यायाधीश को शामिल किया गया है।
इसके अलावा इस कमेटी में एक महाअधिवक्ता, बार काउंसिल उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को भी शामिल किया गया है। समिति 15 सितंबर को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। हापुड़ बार एसोसिएशन के सचिव नरेंद्र शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने अधिवक्ताओं की समस्याओं को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर के समक्ष उठाया था।
मामले की आवश्यक सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण आदेश पारित किया गया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि हापुड़ में हुई लाठीचार्ज की जांच छह सदस्यीय कमेटी करेगी। हाईकोर्ट के जज न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता इस कमेटी के अध्यक्ष होंगे। जबकि उनके साथ न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति फैज आलम खान को शामिल किया गया है।
अधिवक्ताओं की मांग को देखते हुए बार काउंसिल उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शिवकुमार गौड़, हाईकोर्ट के महाधिवक्ता और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को इस कमेटी में शामिल किया गया है। इसके अलावा यूपी सरकार द्वारा पूर्व में गठित की गई एसआईटी को भी समय से रिपोर्ट प्रस्तुत करने के साथ अधिवक्ताओं द्वारा पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमे की समीक्षा करने के लिए कहा गया है। एसआईटी अपनी जांच रिपोर्ट के साथ अधिवक्ताओं द्वारा दर्ज मुकदमे में पुलिस द्वारा अभी तक की गई कार्रवाई की भी रिपोर्ट देगी। हापुड़ के अधिवक्ताओं ने इस आदेश का स्वागत किया है।