पूरा देश जब टीवी चैनलों और इंटरनेट पर टकटकी लगाए चुनाव परिणामों के ग्राफ को ऊपर नीचे होते देख रहा था उस समय दुनियाभर के साइबर हैकरों और भारत की नेशनल इंफॉरमेटिक्स सेंटर के बीच महायुद्ध चल रहा था।
हैकर चुनाव आयोग के चुनाव परिणाम वाले सर्वर पर अटैक पर अटैक कर रहे थे और एनआईआई उन्हें विफल करता चला गया।
ज्यादा अटैक हुए तो एनआईसी को हाईवे बंद करना पड़ा और वैकल्पिक सर्वर स्थापित कर चुनाव आयोग को सर्वर उपलब्ध कराया, ताकि चुनाव परिणाम निर्बाध गति से लोगों तक पंहुच सके।
इस बीच एनआईसी को केंद्र सरकार की बाकी साइटों को डाउन करना पड़ा। एनआईसी केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को इंटरसेवा और सर्वर उपलब्ध कराता है। सरकारी सूचनाएं गोपनीय और संवेदनशील होने के कारण एनआईसी सर्वर की सुरक्षा बेहद मजबूत है।
चुनाव आयोग का सर्वर भी एनआईसी मैनेज करता है। देश में चार जून को मतगणना सुबह सात बजे से ही शुरू हो गई थी। देश-विदेश के हैकरों ने एनआईसी पर अटैक करने शुरू कर दिये।
आयोग रियल टाइम आंकड़े जारी कर रहा था और टीवी चैनल ब्रेकिंग न्यूज बनाकर उसे दिखा रहे थे।
जैसे-जैसे काउंटिंग आगे बढ़ रही थी वैसे-वैसे काउंटिंग सेंटर के आंकड़े राज्यवार और लोकसभा क्षेत्र के अनुसार पूरे चुनाव आयोग की वेबसाइट पर नजर आ जाते और यही मीडिया के लिए भी सबसे उबड़ा सोर्स था, लेकिन पर्दे के पीछे एक और युद्ध चल रहा था, इसकी जानकारी किसी को नहीं थी।
सूत्रों का कहना है कि हैकर एनआईसी सर्वर पर हमले चुनाव परिणाम को प्रभावित और बाधित करने के मकसद से कर रहे थे।