खून से लथपथ सड़क और इधर-उधर बिखरी लाशें… हर चीख जैसे दिल को चीर रही थी। पलटे हुए वाहन में फंसे घायलों की कराहें हवा में गूंज रही थीं। यह दर्दनाक मंजर देखकर मौके पर पहुंचे लोगों की आंखें भर आईं। कोई अपने बच्चे को तलाश रहा था, तो कोई अपनों की सलामती के लिए दुआ कर रहा था।

ग्रामीणों ने हिम्मत जुटाई और मैजिक से घायलों को बाहर निकाला। तब तक 7 लोगों की मौत हो गई थी। ग्रामीणों का कहना था कि ऐसा खौफनाक और दर्द भरा मंजर उन्होंने अपनी जिंदगी में पहले कभी नहीं देखा। हर ओर पसरा मातम इंसानियत को झकझोर देने वाला था।
लोगों का कहना है कि धमाका इतना तेज था कि एक किलोमीटर तक उसकी आवाज सुनाई दी। जैदपुर के ग्रामीण हादसा स्थल की ओर दौड़ पड़े। मौके पर पहुंचे तो देखा मैजिक के परखच्चे उड़ चुके थे और कैंटर व मैजिक सड़क के किनारे गड्ढे में पलटे हुए थे।
ग्रामीणों ने आनन फानन में मैजिक को सीधे करने का प्रयास किया लेकिन मैजिक को सीधा नहीं कर सके। ग्रामीणों ने मैजिक में फंसे घायलों को खींच-खींच कर निकाला। मैजिक को सीधा किया गया। तब तक नीचे दबे चार लोगों की मौत हो चुकी थी। बाकी ने भी कुछ ही देर में दम तोड़ दिया। पहली प्राथमिकता घायलों को बचाने की थी, शव इधर-उधर पड़े थे। घायल मदद के लिए चीख रहे थे, कुछ घायल अपना दर्द भूल अपनों को तलाश रहे थे।
टाटा मैजिक की क्षमता 8 सवारियों की थी और उसमें 20 लोग सवार थे। अगर कुल सवारों की बात करें तो चालक समेत 21 थे। स्थिति यह थी कि चालक वाली सीट पर भी सवारियां थीं। ऐसे में चालक को भी बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पा रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि रफ्तार भी तेज थी।

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