लाल निशान में खुलने के बाद मंगलवार को भारतीय शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला।
सुबह 9:40 पर सेंसेक्स 145 अंक या 0.19 प्रतिशत बढ़कर 76,316 अंक पर और निफ्टी 47 अंक या 0.20 प्रतिशत की तेजी के साथ 23,211 अंक पर था।
बाजार में बैंकिंग शेयरों पर दबाव देखा जा रहा है। बैंक निफ्टी 192 अंक या 0.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 49,588 अंक पर है।
छोटी और मझोली कंपनियों के शेयरों में तेजी के साथ कारोबार हो रहा है। निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक 180 अंक या 0.34 प्रतिशत बढ़कर 53,416 अंक पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक 53 अंक या 0.31 प्रतिशत की तेजी के साथ 17,528 अंक पर है।
बाजार में उतार-चढ़ाव दर्शाने वाला इंडिया वीआईएक्स करीब दो प्रतिशत गिरकर 16.05 पर है।
सेक्टर के हिसाब से देखें तो बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं। रियल्टी, मेटल, मीडिया, एनर्जी, फार्मा और आईटी में सबसे ज्यादा तेजी है।
सेंसेक्स में एलएंडटी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टेक महिंद्रा, नेस्ले, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा स्टील, सनफार्मा, टाइटन, एचसीएल टेक और एचयूएल के शेयर बढ़त में हैं। वहीं, कोटक महिंद्रा बैंक, एशियन पेंट्स, जेएसडब्ल्यू स्टील और आईसीआईसीआई बैंक में सबसे ज्यादा गिरावट है।
एशियाई बाजारों में मिलाजुला कारोबार हो रहा है। टोक्यो, जकार्ता और बैंकॉक के बाजारों में हल्की तेजी है। वहीं, हांगकांग और शंघाई के बाजार लाल निशान में है। अमेरिका के बाजार सोमवार को हरे निशान में बंद हुए थे।
बाजार के जानकारों का कहना है कि म्यूचुअल फंड्स में मई में 34,697 करोड़ रुपये का निवेश आया है। इसमें एसआईपी 20,904 करोड़ रुपये की थी। यह बाजार को ऊपर ले जाने में मददगार है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि विदेशी निवेशकों की बिकवाली के बाद भी घरेलू निवेशक पैसा डालते रहेंगे और यह ट्रेंड लंबे समय तक चलेगा।
उनका कहना है कि जिस तरह से कैबिनेट में पोर्टफोलियो का बंटवारा हुआ है। उससे लगता है कि नीतियों में निरंतरता जारी रहेगी जो बाजार से लिए सकारात्मक है।