यहां त्योहारों को मनाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य आपसी भाईचारे, प्रेम और सौहार्द को बढ़ावा देना है। यही कारण है कि हिंदू धर्म में हर त्योहार बेहद उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। हर साल दीवाली के पांच दिन बाद लाभ पंचमी पड़ती है। लाभ पंचमी का त्योहार मुख्यता गुजरात राज्य के लोगों द्वारा मनाया जाता है जिसे गुजराती लोग नववर्ष के तौर पर मनाते हैं। लाभ पंचमी के दिन से ही नए बहीखाते भी बनाए जाते हैं। कई लोग लाभ पंचमी के दिन से ही नया व्यापार भी शुरू करते हैं। लाभ पंचमी से आशय है सौभाग्य और लाभ का पर्व। ऐसे में इस त्योहार को लाभ और भाग्य में वृद्धि के लिए मनाया जाता है। लाभ पंचमी का त्योहार हर साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को पड़ता है जिसे ज्ञान पंचमी, सौभाग्य पंचमी और लाखेनी पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। गुजरात में लोग लाभ पंचमी के दिन एक दूसरे से गले मिलते हैं, और इस पर्व को बेहद उत्साह के साथ मनाते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं लाभ पंचमी पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और मंत्र।

लाभ पंचमी 2023

आज लाभ पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। शुभ-मांगलिक कार्यों, सौभाग्य और लाभ के लिए लाभ पंचमी का दिन अतिशुभ होता है। इस दिन भगवान शिव, गणेशजी और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। व्यापारी लाभ पंचमी के दिन अपने व्यापार का नया लेखा-जोखा और बहीखाता बनाते हैं। इस दौरान वह खाता पुस्तक में बायीं ओर शुभ और दाहिनी ओर लाभ लिखते हैं, और इसके मध्य में सतिया बनाते हैं। लाभ पंचमी के दिन मुख्य रूप से देवी लक्ष्मी की आराधना की जाती है जबकि जैन धर्म के लोग इस दिन किताबों की पूजा करके सही ज्ञान और बुद्धि की कामना करते हैं। कई बार जो लोग किसी कारणवश दीवाली के दिन लक्ष्मी पूजन नहीं कर पाते, लाभ पंचमी के दिन पूजा करके वह लाभ और पुण्य कमाते हैं। इतना ही नहीं, इस दिन लोग एक-दूसरे के घर जाकर इस पर्व की बधाईयां देते हैं, साथ ही गरीब लोगों में अन्न, जल, वस्त्र और मिठाईयों इत्यादि बांटते हैं।

लाभ पंचमी की पूजा विधि – 
इस दिन प्रात: काल उठकर सबसे पहले स्नानदि करें।
इसके बाद साफ कपड़े पहनकर सूर्यदेव को जल चढ़ाएं।
अब गणेश-लक्ष्मी और शंकर जी की प्रतिमा को स्थापित करें।
अगर आप अपने व्यापार या कारोबार में अधिक लाभ कमाना चाहते हैं, तो लाभ पंचमी वाले दिन सुपारी पर कलावा लपेट दें।
उसके बाद चावल से गोला बनाकर सुपारी को उसपर रख दें
इसके बाद गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें।
भगवान शिव को धतूरे के फूल और भस्म चढ़ाएं।
लाभ पंचमी वाले दिन देवी लक्ष्मी और माता पार्वती को इत्र, हल्दी और फूल ज़रूर चढ़ाएं।
इस दिन पूजा की थाली में चंदन, सिंदूर, दीपक, बेलपत्र, जल, मोदक और दूध से बनी मिठाई ज़रूर रखें।
लाभ पंचमी वाले दिन भगवान गणेश और शिव जी का आशीर्वाद पाने के लिए नीचे बताए गए इन मंत्रों का जाप अवश्य करें।
इसके बाद समस्त देवी-देवताओं की आरती उतारें और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं।
इस दिन आपको अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान पुण्य अवश्य करना चाहिए।

लाभ पंचमी तारीख और शुभ मुहूर्त
लाभ पंचमी 18 नवंबर 2023
प्रातकाल पूजा मुहूर्त – प्रात 06:46 से प्रात 10:20
अवधि – 03 घण्टे 34 मिनट्स
पंचमी तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 17, 2023 को 11:03 बजे
पंचमी तिथि समाप्त – नवम्बर 18, 2023 को 09:18 बजे

गणेश जी के लिए मंत्र
भगवान लम्बोदरं महाकायं गजवक्त्रं चतुर्भुजम्।
आवाह्याम्यहं देवं गणेशं सिद्धिदायकम्।।

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