राजधानी दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में प्रदूषण और तेजी से फैल रहा है। आज यानि गुरूवार को लगातार छठे दिन हवा और भी ज्यादा जहरीली हो गई है।
वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (सफर) के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता लगातार छठे दिन भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी रही, क्योंकि गुरुवार सुबह समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 343 तक पहुंच गया। ।
धीरपुर में पीएम 2.5 के साथ एक्यूआई 369 था, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में था। पूसा और दिल्ली विश्वविद्यालय में एक्यूआई ने पीएम 2.5 को 328 और 379 ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया।
लोधी रोड पर, पीएम 2.5 सांद्रता के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बहुत खराब’ श्रेणी में 338 पर था और पीएम 10 ‘खराब’ श्रेणी में 253 पर था।
आईआईटी दिल्ली स्टेशन पर पीएम 2.5 335 पर था, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी है, जबकि पीएम 10 ‘खराब’ श्रेणी में 215 पर पहुंच गया।
शहर के मथुरा रोड पर वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बहुत खराब’ श्रेणी में था, इसमें पीएम 2.5 303 पर और पीएम 10 सांद्रता 351 पर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में थी।
सफर के पूर्वानुमान के अनुसार, शुक्रवार को शहर की वायु गुणवत्ता और खराब होकर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ जाएगी, इसमें पीएम 2.5 349 तक पहुंच जाएगा और पीएम 10 की सांद्रता ‘खराब’ श्रेणी में 292 हो जाएगी।
वहीं दिल्ली के पड़ोसी शहरों नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 384 और पीएम 10 की सघनता 397 रही, दोनों ‘बहुत खराब’ श्रेणी में हैं, जबकि गुरुग्राम का एक्यूआई 326 ‘खराब’ श्रेणी में और पीएम 10 की सघनता 195 ‘मध्यम’ श्रेणी में दर्ज की गई।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में गुरूवार सुबह से ही स्मॉग की एक चादर ने पूरे वातावरण को ढक रखा है। जिसके चलते सुबह से ही लोगों को आंखों में जलन और खांसी की समस्या काफी बढ़ गई है।
बाहर निकलने वाले लोगों के लिए खुद को बचाना एक बड़ा चैलेंज बन चुका है।एक्यूआई कि अगर बात करें तो वो भी खतरे के निशान से ऊपर है, यानी कि रेड जोन में।
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का स्तर रेड जोन में है, जिसमें नॉलेज पार्क 3 इलाके में एक्यूआई 369 और नॉलेज पार्क 5 इलाके में एक्यूआई 324 दर्ज किया गया है।
वहीं अगर पूरे ग्रेटर नोएडा की बात करें तो एक्यूआई 346 दर्ज किया गया है। नोएडा में कुछ इलाके हैं जहां अभी भी एक्यूआई रेड जोन में नहीं पहुंचा है, वहां माना ये जा रहा है कि जल्द ही आंकड़े 400 के पार होंगे।
नोएडा के सेक्टर 93 में दुकान पर काम करने वाले रूपेश कुमार का कहना है कि वह जब अपने घर से बाहर निकला तो उसकी आंखों में जलन शुरू हो गई और आंखों से पानी आने लगा। साथ ही लगातार खांसी आने की समस्या भी उसने बताई।
दूसरी तरफ, स्मॉग की चादर की वजह से बाहर निकालने वालों को और भी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें सबसे ज्यादा तकलीफ बुजुर्गों और बच्चों को हो रही है।
प्रदूषण कंट्रोल विभाग और अथॉरिटी की टीमों के लगातार काम करने के बावजूद भी बढ़ते एक्यूआई को रोक पाना काफी मुश्किल हो रहा है। जगह-जगह सड़कों पर उड़ रही धूल और जलाए जा रहे कूड़े और मलबे की वजह से वातावरण खराब है। यह तभी साफ हो सकता है जब तेज हवा चले या बारिश हो, जिसके आसार फिलहाल अभी दिखाई नहीं दे रहे।