नगर निकाय चुनाव के ऐलान के बाद भारतीय जनता पार्टी में टिकट के लिए होड़ मच गया है। लखनऊ में मेयर की टिकट के लिए सरकार के दो मंत्री भी दांवेदारी कर रहे हैं। इनमें पहला नाम उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक तो दूसरा नाम पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा का हैं। दोनों मंत्री अपनी-अपनी पत्नीयों के लिए टिकट मांग रहे हैं। इनके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री बाबू बनारसी दास की पुत्रवधू अलका दास के अलावा बीजेपी में महापौर के टिकट के लिए कई महिलाएं दावेदार बताई जा रही है।
लखनऊ की मेयर सीट के लिए भाजपा से टिकट मांगने वालों में सरकार के दो मंत्री भी शामिल हैं। इनमें से पहला नाम उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक का हैं, जो अपनी पत्नी नम्रता पाठक के लिए टिकट मांग रहे हैं। दूसरा नाम प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा का है जो अपनी पत्नी जय लक्ष्मी शर्मा के लिए टिकट मांग रहे हैं।
बता दें कि दिनेश शर्मा उपमुख्यमंत्री बनने से पहले लखनऊ के मेयर थे। योगी सरकार में उपमुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपने मेयर पद से इस्तीफा दिया था।
भाजपा के सूत्रों ने बताया कि लखनऊ से महापौर पद के टिकट के लिए बृजेश पाठक और दिनेश शर्मा की पत्नीयों के अलावा पूर्व विधान परिषद सदस्य विंध्यवासिनी कुमार की बेटी ज्योतसना श्रीवास्तव लंबे समय से संगठन के लिए काम कर चुकी रंजना अग्निहोत्री, नीवर्तमान महापौर संयुक्ता भाटिया की पुत्र वधू रेशु भाटिया, पूर्वव मुख्यमंत्री बाबू बनारसी दास की पुत्रवधू अलका दास के साथ ही करीब एक दर्जन नाम के आवेदन महानगर कार्यालय में आ चुके हैं।
भाजपा के सूत्रों ने बताया कि लखनऊ से महापौर पद के टिकट के लिए बृजेश पाठक और दिनेश शर्मा की पत्नीयों के अलावा पूर्व विधान परिषद सदस्य विंध्यवासिनी कुमार की बेटी ज्योतसना श्रीवास्तव लंबे समय से संगठन के लिए काम कर चुकी रंजना अग्निहोत्री, नीवर्तमान महापौर संयुक्ता भाटिया की पुत्र वधू रेशु भाटिया, पूर्वव मुख्यमंत्री बाबू बनारसी दास की पुत्रवधू अलका दास के साथ ही करीब एक दर्जन नाम के आवेदन महानगर कार्यालय में आ चुके हैं।
लखनऊ मेयर की सीट के लिए ऐसे ही पार्टी के दो मंत्री दांवेदारी नहीं कर रहे हैं। इसेक पीछे सबसे बड़ा कारण है BJP का लखनऊ के मेयर सीट पर कब्जा पार्टी 1995 से लेकर अब तक एक भी चुनाव नहीं हारी है। BJP से टिकट मिलने को एक तरह से जीत की गांरटी मानी जाती है। इसलिए यहां दो मंत्री जोर आजमाइश कर रहे है।
लखनऊ मेयर के सीट की अहमीयत पार्टी अच्छी तरह से जानती है। इसलिए वह जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं करना चाहती। पार्टी आलाकमान ने लखनऊ के चुनाव प्रभारी और संगठन के लोगों से उम्मीदवारों का फीडबैक लिया है। सूत्रों के अनुसार पार्टी जल्द ही नाम का ऐलान कर सकती है।