शुक्रवार की शाम महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य कार्यालय में हुई तोड़फोड़ की गूंज लखनऊ तक पहुंच गई है। शासन ने मामले की पूरी रिपोर्ट तलब करते हुए उच्च स्तरीय जांच कराने का फैसला किया है। वहीं, प्राचार्य द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति ने विस्तृत रिपोर्ट तैयार करना शुरू कर दिया है। चिह्नित किए गए एमबीबीएस इंटर्न के 4 छात्रों को हॉस्टल से निलंबित कर दिया गया है।
मंगलवार की रात महारानी मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस इण्टर्न एवं राजकीय पैरामेडिकल कॉलेज के नर्सिंग के छात्रों के बीच मारपीट हो गयी थी। यह आग शुक्रवार की दोपहर तब भड़क उठी जब दोनों पक्ष के छात्र आपस में गुत्थम-गुत्था हो गए। यहां तक कि नर्सिंग की पढ़ाई कर रहीं छात्राओं को एमबीबीएस के छात्रों ने खदेड़ा और बाल पकड़कर घसीटा। उन्हें बचाने आए सुरक्षा कर्मियों पर भी हमला किया गया। इस मुद्दे को लेकर मेडिकल कॉलेज प्रशासन की बैठक प्राचार्य डॉ. एनएस सेंगर के कक्ष में हो रही थी। इसी बीच शाम को नर्सिंग के 70-80 छात्र हाथों में डंडे लेकर वहां पहुंचे और प्राचार्य कार्यालय परिसर में तोड़फोड़ कर दी।
जिसे जो भी सामान मिला उसे तोड़ दिया गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने कुछ छात्रों को हिरासत में लिया। सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर चिह्नित किए गए 9 छात्रों को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में कई नामजद सहित लगभग 70 छात्रों पर तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए गए। वहीं, नर्सिंग के पांच छात्रों एवं 2 छात्राओं को हॉस्टल व कक्षा से अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।

मेडिकल कॉलिज के प्राचार्य डॉ. एनएस सेंगर ने टेक्निकल कमिटि से तोड़फोड़ के कारण हुए नुकसान का आंकलन कराना शुरु कर दिया है, ताकि नुकसान की भरपाई दोषी छात्रों से की जा सके। वहीं, तीन सदस्यीय कमिटि गठित की गयी है, जो मामले की पूरी पड़ताल कर मंगलवार तक अपनी रिपोर्ट देगी। उधर, चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के पास भी पूरा मामला पहुंच गया है। सूत्रों का कहना है कि शासन ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए उच्चस्तरीय जांच का फैसला किया है, लेकिन अभी इसका आदेश जारी नहीं किया गया है। प्राचार्य ने बताया कि बवाल में चिह्नित किए गए एमबीबीएस इण्टर्न के राजेश मीणा, पुष्पेन्द्र कुमार, गौरव वर्मा व रमाकान्त को तब तक के लिए हॉस्टल से निलम्बित कर दिया गया है, जब तक कि जांच कमिटि की रिपोर्ट नहीं आ जाती। रिपोर्ट आने के बाद इन छात्रों के भविष्य के बारे में फैसला किया जाएगा।

मेडिकल कॉलेज में तोड़फोड़ एवं इसके पहले हुए विवाद सहित हर उस स्थान के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, जहां से विवाद की असली जड़ तक पहुंचने के आसार है। बताया जा रहा है कि जो छात्र नामजद किए गए हैं, उसके अलावा कुछ ऐसे छात्र भी चिह्नित कर लिए गए हैं, जिन्हें अज्ञात की श्रेणी में रखा गया था। उन्हें भी नामजद की सूची में डालकर आरोपी बनाया जा सकता है।
नर्सिंग की कुछ छात्राओं ने एमबीबीएस के छात्रों पर उनके साथ अभद्रता करने, बाल पकड़ने, दौड़ाकर पीटने का प्रयास करने के आरोप लगाए थे, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था। आरोप लगाने वाली छात्राओं के भी बयान दर्ज कराए जाएंगे।
मेडिकल कॉलेज और पैरा मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। दोनों स्थानों पर तीन-तीन उप निरीक्षक, सात- सात पुरुष व तीन-तीन महिला कांस्टेबल सहित सात-सात पीएसी जवान तैनात किए गए हैं। यह फोर्स फिलहाल दीपावली तक तैनात रहेगा, लेकिन इसकी अवधि मामला पूरी तरह शांत न होने तक बढ़ाई जा सकती है।

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