डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मंगलवार को बैठक कर अधिकारियों को टीबी को प्रदेश से जड़ से मिटाने के लिए जरुरी दिशा निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि लखनऊ और गोरखपुर में स्टेट टीबी ट्रेनिंग डिमांस्ट्रेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इसमें टीबी के लक्षण इलाज आदि की बारीकियां बताई जाएंगी। डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य श्रेणी के स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सेंटर बनने से प्रशिक्षण प्रदान करने की आसानी होगी। साथ ही इलाज की कारगर रणनीति बनाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि रोगियों के उपचार में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। नॉन एल्कॉहोलिक फैटी लिवर डिसीज (एनएएफएलडी) से ग्रसित मरीजों को त्वरित उपचार उपलब्ध कराया जाए।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के 14 राज्य स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में चिकित्सकीय उपकरणों की खरीद-फरोख्त के लिए 1,51,47,30,350 रुपए की मंजूरी दी गई है। इसमें अमेठी, औरैया, कानपुर देहात, कुशीनगर, कौशाम्बी, गोण्डा, चन्दौली, पीलीभीत, बुलंदशहर, बिजनौर, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, सुल्तानपुर एवं सोनभद्र जिले शामिल हैं। प्रति राज्य स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय के लिए 10,81,95,025 रुपए आवंटित किए गए हैं। वहीं, मरीजों के बेड एवं हॉस्पीटल फर्नीचर के लिए प्रति महाविद्यालय 2,72,93,900 रुपए को मंजूरी दी गई है। 14 महाविद्यालयों के लिए कुल 38,21,14600 रुपए स्वीकृत किए गए हैं।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में संसाधन बढ़ाने की दिशा में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं ताकि डॉक्टर व कर्मचारियों को किसी भी तरह की असुविधा न हो। वहीं, रोगी हित में भी लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। आधुनिक उपकरणों से कॉलेजों को लैस किया जा रहा है। अयोध्या के रुदौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दंत रोगियों के इलाज के लिए डेंटल यूनिट स्थापित किए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसमें दांतों की सभी तरह की बीमारियों का मुफ्त उपचार उपलब्ध कराया जाएगा। यूनिट स्थापित करने के लिए 5,82,400 रुपये स्वीकृत किये गये हैं।