बरेली (नवाबगंज): नौकरी के नाम पर ठगी का मामला कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक मामला शांत नहीं होता दूसरा सामने आ जाता है। एसा ही मामला फिर सामने आया है। जहां रेलवे ग्रुप डी और एफसीआई में सुपरवाइजर की नौकरी दिलवाने का झांसा देकर एक शातिर ने एक परिवार के कई लोगों से 20 लाख की रकम लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया। मामले का खुलासा होने पर पीड़ित ने आरोपी के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई।

बहोर, नगला निवासी गिरजाशंकर का आरोप हैं कि उसका चाचा भगवान दास मुरादाबाद की नौवीं बटालियन पीएसी में मुख्य आरक्षी के पद पर कार्यरत था, उसके साथ ही भजपुरा सिविल लाइन बदायूं का सराफत अली भी आरक्षी के पद पर था। जिसने गिरजाशंकर को बताया कि उसकी रेलवे और एफसीआई में जुगाड़ है और वह इन विभागों में नौकरी दिलवा सकता है। उसके झांसे में आकर गिरजाशंकर ने अपने भाई नरेश, फुफेरे भाई विजय और तहेरे भाई तेजपाल की नौकरी दिलाने के नाम पर उसे पांच लाख प्रति के नाम पर 20 लाख रुपये दे दिए । जिसके बाद उसने 3 दिसम्बर 2022 को तेजपाल को एक नियुक्ति पत्र भी दे दिया और बाकी को भी शीघ्र लगवाने का आश्वासन दे दिया।

जब तेजपाल ये नियुक्ति पत्र लेकर लखनऊ पहुंचा तो ये नियुक्ति पत्र फर्जी निकला। जिस पर इन लोगों ने उस पर पैसे लौटाने दबाव बनाया तो 8 लाख 95 हजार रुपए वापस करने के साथ भगवान दास के नाम स्टेट बैंक का 4 लाख का चेक काट कर दे दिया। जब 13 अक्टूबर 2023 को बैंक में ये चेक जमा किया तो बैंक ने हस्ताक्षर फर्जी बताते हुए ये चेक लौटा दिया। पुलिस को तहरीर देने पर जब उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई तो उसने एसएसपी को प्रार्थना पत्र दिया, जिनके आदेशों पर पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है।

 

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