रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडलों के बीच सोमवार को तुर्की में हुई शांति वार्ता में सैनिक कुछ मुद्दों पर सहमति बनी है। वार्ता में रूस और यूक्रेन युद्ध में मारे गए 6,000 सैनिकों के शवों की अदला-बदली करने पर मान गए हैं। रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधियों ने सोमवार को करीब दो सप्ताह बाद प्रत्यक्ष शांति वार्ता के दूसरे दौर के लिए मुलाकात की और अपने-अपने हजारों मृत सैनिकों के शव और गंभीर रूप से घायल सैनिकों की अदला-बदली करने पर सहमति जताई, मगर इसके अलावा वार्ता में तीन साल से जारी युद्ध को समाप्त करने की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
 

यह वार्ता दोनों पक्षों द्वारा किए गए कई लंबी दूरी के हमलों के एक दिन बाद हुई है, जिसमें यूक्रेन ने रूसी हवाई ठिकानों पर ड्रोन हमला किया था और रूस ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध का सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया।

यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि वार्ता की मेज पर रूस ने जंग खत्म करने के लिए क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति भवन) की शर्तों को बताते हुए एक ज्ञापन प्रस्तुत किया।

यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले रक्षा मंत्री रुस्तम उमरोव ने संवाददाताओं से कहा कि कीव के अधिकारियों को दस्तावेज की समीक्षा करने और निर्णय लेने के लिए एक हफ्ते का वक्त चाहिए। उन्होंने कहा कि यूक्रेन ने 20 जून से 30 जून के बीच आगे की बातचीत का प्रस्ताव रखा है।

वार्ता के बाद, रूस की सरकारी समाचार एजेंसियों ‘तास’ और ‘आरआईए नोवोस्ती’ ने रूसी ज्ञापन की सामग्री प्रकाशित की, जिसमें कहा गया है कि संघर्ष विराम की शर्त के तौर यूक्रेन उन चार क्षेत्रों से अपनी सेना हटाए, जिन पर रूस ने सितंबर 2022 में कब्जा कर लिया था, लेकिन उन पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं कर सका।

युद्धविराम समझौते के वैकल्पिक तरीके के रूप में, ज्ञापन में यूक्रेन से कहा गया है कि वह सैनिकों की लामबंदी प्रयासों को रोक दे तथा पश्चिमी देशों से हथियार लेना बंद कर दे। ऐसी शर्तें पहले ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा बताई जा चुकी हैं।

दस्तावेज में यह भी सुझाव दिया गया है कि युद्ध समाप्त करने के लिए यूक्रेन को अपनी सेनाओं की पुनः तैनाती रोकनी होगी तथा अपनी धरती पर किसी तीसरे देश की सैन्य उपस्थिति पर प्रतिबंध लगाना होगा।

रूसी दस्तावेज में प्रस्ताव दिया गया है कि यूक्रेन मार्शल लॉ समाप्त करे और चुनाव कराए, जिसके बाद दोनों देश एक व्यापक शांति संधि पर हस्ताक्षर कर सकते हैं और इसके तहत यूक्रेन अपनी तटस्थ स्थिति की घोषणा करेगा, नाटो में शामिल होने के अपने प्रयास को त्याग देगा, अपने सशस्त्र बलों के आकार को लेकर सीमा निर्धारित करेगा और यूक्रेनी के समान रूसी को देश की आधिकारिक के रूप में मान्यता देगा।

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