मुजफ्फरनगर। एक लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार लोक निर्माण विभाग खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता व वरिष्ठ सहायक (बाबू) को मेरठ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
विजीलेंस की मेरठ टीम से बागपत निवासी ठेकेदार प्रियवृत तोमर ने शिकायत कर कहा था कि वह लोक निर्माण विभाग खंड प्रथम मुजफ्फरनगर के कार्य के ठेके लेते हैं। उनकी फर्म लोक निर्माण विभाग में डी श्रेणी के ठेकेदारी की फर्म है। उन्होंने अपनी फर्म के माध्यम से फुगाना से नीमखेड़ी मार्ग, डूंगर से लोई मार्ग, तितावी शुगर मिल से तितावी मार्ग, मेरठ करनाल रोड से खेड़ा मस्तान मार्ग पर पीसी लेपन के कार्य ऑलाइन टेंडरिंग के न्यूनतम दरों पर कार्य लिया था। सभी कार्याें के अनुबंध पत्र तैयार कर एक सप्ताह पूर्व कार्यालय में जमा करा दिए थे। कुछ अनुबंधों पर संबंधित सहायक अभियंता तथा अवर अभियंता के हस्ताक्षर होने के बाद अधिशासी अभियंता नीरज सिंह ने एक लाख रुपये की मांग की थी।

इस शिकायत के बाद विजीलेंस टीम ने कार्रवाई कर सोमवार को अधिशासी अभियंता नीरज सिंह व वरिष्ठ सहायक अजय कुमार को रिश्वत के एक लाख रुपये लेने के मामले में गिरफ्तार कर लिया था। आरोपियों से एक लाख रुपये बरामद कर लिए थे। एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापत ने बताया कि विजीलेंस टीम ने दोनों आरोपियों को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट मेरठ में पेश किया था। कोर्ट ने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस मामले की विवेचना भी विजीलेंस टीम ही करेंगी।

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