रिंकू शर्मा हत्याकांड के आरोपियों को जमानत मिल गई है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इस जमानत का विरोध करते हुए कहा है कि यह शांतिपूर्ण समाज के लिए घातक है कि जिन अपराधियों ने दिनदहाड़े रिंकू शर्मा की हत्या को अंजाम दिया था, आज उन्हें उसी इलाके में खुले घूमने के लिए छोड़ दिया गया है। संगठन ने कहा है कि इससे मामले की जांच भी प्रभावित हो सकती है, लिहाजा यह न्याय के हित में है कि ऐसे अपराधियों को खुलेआम न छोड़ा जाए।

रिंकू शर्मा की हत्या 10 फरवरी 2021 को कर दी गई थी। वह बजरंग दल का सदस्य भी बताया गया था। इस घटना के बाद हुए आक्रामक प्रदर्शन के कारण यह राष्ट्रीय सुर्खियों में आ गया था। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने हत्या के पीछे सांप्रदायिक कारण होने से इनकार किया था।

रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर आरोपियों की रिहाई के विरुद्ध प्रदर्शन करते हुए विहिप नेता सुरेंद्र गुप्ता ने कहा कि इतने जघन्य अपराध के आरोपियों को केवल दो साल में जमानत मिल गई। इससे न्याय की उम्मीद पाले बैठे लोगों को भारी आघात पहुंचा है। उन्होंने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने आरोपियों के विरुद्ध अदालत में सही तरीके से लड़ाई नहीं लड़ी जिसके कारण उन्हें बेहद आसानी से जमानत मिल गई। उन्होंने कहा कि इस तरह के जघन्य हत्याकांड के आरोपियों की सहज रिहाई नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरकार के मौन समर्थन के कारण हत्यारों को जमानत मिल जाती है और वो बाहर आकर गवाहों को धमकाते है। यह बेहद गंभीर मामला है। सभी संबंधित पक्षों को इस पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए।

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