‘मोदी’ सरनेम पर विवादित टिप्पणी की वजह से मुकदमे का सामना करने वाले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर फैसला आ गया है। सूरत की जिला अदालत ने राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि केस में दोषी करार दिया है। इसके बाद उन्हें दो साल कैद की सजा सुनाई गई है। हालांकि, उन्हें कोर्ट ने ऊपरी अदालत में जाने के लिए 30 दिन की मोहलत देते हुए जमानत दे दी है। फैसले के वक्त खुद राहुल गांधी भी कोर्ट में मौजूद रहे। 2 साल की सजा की वजह से राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता पर भी खतरा बन गया है।

चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा ने 17 मार्च को सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।  कोर्ट से बाहर निकले वकील के मुताबिक, जज ने राहुल को दोषी करार देते हुए पूछा कि क्या वह कुछ कहना चाहते हैं? इस पर राहुल ने कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलते रहते हैं, लेकिन जानबूझकर ऐसा कुछ नहीं कहा था। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि राहुल ने जो बात कही थी उससे किसी को हानि नहीं हुई है तो कम से कम सजा दी जाए। वहीं, अभियोग पक्ष के वकील ने कहा कि राहुल गांधी सांसद हैं। जो लोग कानून बनाते हैं वही तोड़ेंगे तो इसका समाज में क्या संदेश जाएगा, इसलिए उन्हें अधिकतम सजा दी जाए।

यह केस राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज किया गया था। उन्होंने कर्नाटक में एक चुनावी जनसभा के दौरान मोदी सरनेम को लेकर विवादित बयान दिया था। राहुल गांधी ने इस दौरान नीरव मोदी, ललित मोदी का जिक्र करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। राहुल ने कहा था, ‘क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है?’

इसके बाद बीजेपी विधायक परनेश मोदी ने उनके खिलाफ केस दर्ज कराया था। उनका दावा था कि राहुल के बयान से मोदी समुदाय का अपमान हुआ है। राहुल गांधी को इस केस में तीन बार कोर्ट में पेश होना पड़ा था। उन्होंने कहा था कि चुनावी समभा मं उन्होंने बयान दिया था और याद नहीं है कि क्या कहा था। कोर्ट में सभा की वीडियो रिकॉर्डिंग को पेश किया गया था। निर्वाचन अधिकारी को भी बुलाया गया था।

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