कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि संविधान की रक्षा के लिए आरक्षण पर मौजूदा 50 प्रतिशत की सीमा को हटाना जरूरी है। राहुल ने यहां ‘संविधान सम्मान सम्मेलन’ में कहा कि कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन यह सुनिश्चित करेंगे कि आरक्षण की इस 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने के लिए कानून पारित हो। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘‘हम सुनिश्चित करेंगे कि लोकसभा और राज्यसभा में जातिगत जनगणना पर कानून पारित हो और कोई भी ताकत इसे रोक नहीं सकेगी। संविधान की रक्षा के लिए 50 प्रतिशत की सीमा हटाना आवश्यक है।”
राहुल गांधी ने कहा कि जब उनकी पार्टी जातिगत जनगणना की बात करती है, तो वह इसमें दो और पहलू जोड़ना चाहती है- पहला, प्रत्येक समुदाय की आबादी की पहचान करना और दूसरा, भारत की वित्तीय प्रणाली पर उनका कितना नियंत्रण है। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना से विभिन्न समुदायों की जनसंख्या पर आंकड़े जुटाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि देश की 90 प्रतिशत आबादी के लिए अवसरों के दरवाजे बंद किए जा रहे हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि भारत का बजट 90 शीर्ष आईएएस अधिकारी तय करते हैं, और देश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय कुल जनसंख्या का कम से कम 50 प्रतिशत है, लेकिन इन 90 अधिकारियों में से केवल तीन ओबीसी हैं। राहुल गांधी ने कहा कि देश में दलितों और आदिवासियों की संख्या क्रमशः 15 प्रतिशत और आठ प्रतिशत है, लेकिन बजट तय करने वाले उन 90 आईएएस अधिकारियों में इन समुदायों से केवल क्रमशः तीन और एक अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) जातिगत जनगणना का विरोध करते हैं, क्योंकि वे नहीं चाहते कि सच्चाई सामने आए। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूलों में दलितों या पिछड़े वर्गों का इतिहास नहीं पढ़ाया जा रहा है और अब उस इतिहास को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण किया जा रहा है और इसे ‘आरक्षण-मुक्ति’ कहा जाना चाहिए। उन्होंने आरएसएस और भाजपा पर वर्षों से ऐसा करने का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने दावा किया कि सशस्त्र बलों में अग्निपथ योजना 90 प्रतिशत लोगों से पेंशन छीनने की एक चाल है। कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘अग्निपथ योजना की हकीकत यह है कि भारतीय युवाओं की पेंशन, मुआवजा, कैंटीन की सुविधा और सम्मान उनसे छीन लिया गया है।”