तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ में शामिल नहीं होने के चार शंकराचार्यों के फैसले पर उठे विवाद पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, ‘राम मंदिर सभी हिंदुओं का है। लेकिन लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा धार्मिक राजनीति कर खेल रही है।

एक इंटरव्यू में रेवंत रेड्डी ने कहा कि वह किसी दिन अयोध्या में राम मंदिर का दौरा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “राम मंदिर सभी हिंदुओं का है। इसका भाजपा से कोई लेना-देना नहीं है। यह उन्हें राजनीतिक रूप से कैसे मदद करेगा? अगर वे दावा कर रहे हैं कि उन्हें राम मंदिर से कुछ लाभ मिलेगा, तो वे धार्मिक राजनीति खेल रहे हैं।”

रेवंत रेड्डी ने कहा, “हाल ही में, चार शंकराचार्यों ने कहा कि वे अयोध्या नहीं जाएंगे क्योंकि मंदिर अधूरा है। जो कोई भी ऐसी चीजों में विश्वास करता है, वह जा सकता है। यह पहला दिन या आखिरी दिन नहीं है।”

रेवंत रेड्डी ने कहा कि वह तेलंगाना के भद्राचलम में एक राम मंदिर में जाते थे। उन्होंने कहा, ”मुझे अयोध्या और भद्राचलम राम मंदिर में कोई अंतर नहीं लगता।”

बता दें कि कांग्रेस के सभी दिगग्ज नेताओं ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने से इंकार कर दिया है। कांग्रेस और कई विपक्षी नेताओं का कहना है कि भाजपा राम मंदिर का उदघाटन कर लोकसभा चुनाव के पहले राजनीति कर रही है।

अयोध्या में भव्य राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां जोरों पर हैं और मंदिर में रामलला का प्रतिष्ठा समारोह 16 जनवरी से शुरू हो गया है। यह आयोजन सात दिनों तक चलेगा और 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 अगस्त 2020 को भव्य राम मंदिर के निर्माण के उपलक्ष्य में “भूमि पूजन” में भाग लेने के बाद से अयोध्या में बड़े पैमाने पर बदलाव आया है।

मंदिर ट्रस्ट द्वारा 7,000 से अधिक लोगों को आमंत्रित किया गया है और इनमें क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली, बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन भी शामिल हैं। मंदिर में भव्य समारोह के लिए शहर को सजाया जा रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे।

 

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